अनाज मंडी में गेहूं की आवक जोरों पर है। मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए किसानों की भी सांसें फूली हुई हैं और किसान जल्दी से जल्दी गेहूं मंडी में पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं। जिसके चलते मंडी व मंडी से बाहर खुले में लगभग 40 हजार कट्टे गेहूं पड़ा है। वहीं बारिश की वजह से फसल भीगने के कारण किसान भी गेहूं काटकर नहीं ला रहे हैं। बुधवार को हुई बारिश से मंडी में पड़े कट्टे व गेहूं की ढेरियां भी भीग गई। जिसे किसानों व मजदूरों ने गुरुवार काे सुखाया। मंडी में लगभग 10 हजार क्विंटल गेहूं बारिश से भीग गया। किसान राजा राम, देशराज, प्रीतम सिंह, निहाल चंद, रोशनलाल व शीशपाल ने बताया कि उनकी छह माह की खून पसीने की कमाई आज मंडी व मंडी से बाहर कच्चे और खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है। खरीद अधिकारी प्रतिदिन बोली करने की बजाए आधी मंडी की बोली करके चले जाते हैं। जिससे उन्हें हर समय गेहूं के खराब होने का भय बना रहता है। उधर आढ़ती राकेश, पंकज, नरेंद्र, राजकुमार व राजेश ने बताया कि जब गेहूं की भरने से लेकर उतरने तक कि जिम्मेवारी आढ़ती की है तो फिर अधिकारी गेहूं खरीद करने में आनाकानी क्यों कर रहे है। जो आढ़ती गलत ढेरी भरता है तो वह स्वयं जिम्मेवार है।
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स्रोत: भास्कर