मौसम का मिजाज एक बार फिर गड़बड़ा गया है। मंगलवार रात से शुरू हुई बारिश बुधवार को भी पूरे दिन रुक-रुककर जारी रही। पश्चिमी यूपी में मेरठ समेत कई जिलों में बुधवार को तेज बारिश हुई। मेरठ में जानीखुर्द के आसपास हल्की ओलावृष्टि भी हुई। अगर साढ़े चार मिमी बारिश और हो गई तो जनवरी 1999 में हुई बारिश का रिकॉर्ड टूट जाएगा। जनजीवन प्रभावित होने के साथ यह बारिश फसलों के लिए भी नुकसानदेह है।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में यह बदलाव आया है। ठंड और तेज हवाओं के चलते लोग घरों में दुबके रहे। मौसम विभाग के मुताबिक 21 साल में 1 से 8 जनवरी के बीच पहली बार रिकार्ड 36 मिमी बारिश दर्ज की गई। गुरुवार को भी सुबह से ही शीतलहर चली और मौसम सर्द बना रहा। हालांकि दोपहर में धूप खिली लेकिन ठंड बरकरार है।
प्रदूषण से मिली राहत
तेज बारिश व सर्द हवाओं के चलने से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में गिरावट दर्ज की गई है। मेरठ का एक्यूआई 107, पल्लवपुरम का एक्यूआई स्तर 99 दर्ज किया गया।
गेहूं की बुवाई पिछड़ी
गन्ने की कटाई के बाद जो किसान गेहूं की बुवाई करने की सोच रहे थे, उनके लिए बारिश ने मुसीबत खड़ी कर दी है। बारिश के बाद ओट (पलेवा) होने में कम से कम 15 से 20 दिन लगेंगे, जिसके बाद तापमान में वृद्धि होने लगेगी। दिन भी बड़ा होने लगेगा। गेहूं की फसल की बुवाई के लिए कम तापमान चाहिए, जबकि उसे पकने के लिए बड़े दिन व अधिक तापमान चाहिए।
इस बारिश से सबसे अधिक उन किसानों को निराशा लगी है, जो पछेती फसल में गेहूं की बुवाई करने की सोच रहे थे। फूलों, सब्जियों और सरसों की फसल भी बारिश से प्रभावित होगी। बारिश बंद होने के बाद समय से पानी की निकासी कर फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है। सरसों की फसल पर यूरिया छिड़ककर रोग से बचाया जा सकता है।
साल में पहली बार हुई इतनी बारिश, टूट सकता है रिकॉर्ड
वर्ष बारिश
1999 44.3
2000 0.0
2001 9.5
2002 0.0
2003 0.0
2004 0.0
2005 0.0
2006 1.2
2007 0.0
2008 0.0
2009 0.0
2010 0.0
2011 0.0
2012 3.0
2013 0.0
2014 0.0
2015 15.8
2016 0.0
2017 29.3
2018 0.0
2019 1.3
2020 36.0
गुरुवार को भी बादल छाए रहेंगे। हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है। -डा. एन. सुभाष, मौसम वैज्ञानिक, आईआईएफएसआर
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स्रोत: अमर उजाला