मुनाफे के साथ सेहत भी बनाएगी कुमकुम भिंडी, जानिए कैसे?

November 10 2021

हरी सब्जियों की अगर बात करें तो यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। आँखों की रोशनी से लेकर कई अन्य बीमारियों तक से लड़ने की क्षमता इसमें होती है। हरी सब्जी में अगर भिंडी की बात करें, तो सब्जियों में इसका भी एक अलग स्थान है।

वह स्वास्थ के लिए भी यह बहुत फायदेमंद होता है। इसमें कई प्रकार के खनिज पदार्थ और पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। भिंडी में विटामिन ए.बी. और सी प्रोटीन, वसा, रेशा कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, लौह, मैग्नीशियम और ताम्बा पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

वहीं अगर लाल भिंडी की बात करें तो जब भिंडी ‘लाल’ हो जाती है तो वह लाभकारी और पौष्टिक भी हो जाती है। भिंडी की नई लाल किस्म, जिसे ‘कुमकुम भिंडी’ के नाम से जाना जाता है, आज के समय में उत्तर प्रदेश में उगाई जाने वाली एक अद्भुत फसल है जो किसानों की आय को भी दोगुना कर सकती है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार ‘कुमकुम भिंडी’ में 94  फीसदी पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में आपकी मदद करता है। वहीं इसके अन्य गुणों की बात करें तो इसके साथ ही इसमें 66 फीसदी सोडियम की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार होती है, वहीं इसका 21 फीसदी आयरन एनीमिया की संभावना को कम करता है और 5 फीसदी प्रोटीन शरीर के मेटाबॉलिक सिस्टम को ठीक रखता है।

शुगर भी करता है कंट्रोल

हापुड़ और सीतापुर के किसान लाल भिंडी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं वहीं, इस खेती से काफी खुश भी हैं। उन्होंने कहा, “गांव में हर कोई अब इस मौसम में इसकी खेती का रकबा बढ़ाने के बारे में सोच रहा है।”

पारम्परिक तरीकों की खेती से हट कर इस तरह की खेती को वहां के स्थानीय किसान काफी पसंद कर रहे हैं। आचार्य नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के कुलपति बिजेंद्र सिंह के अनुसार, भिंडी की इस लाल किस्म में एंथोसायनिन और फेनोलिक्स होते हैं जो इसके पोषण मूल्य को बढ़ाते हैं। इसमें मौजूद क्रूड फाइबर शुगर को कंट्रोल करता है। इसमें बड़ी मात्रा में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी होता है।

फरवरी से अप्रैल के बीच बुवाई

भिंडी के इस किस्म की बुवाई का सही समय फरवरी से शुरू होता है और अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक चलता होता है। इसे नवंबर के आसपास भी कहीं बोया जा सकता है, दिसंबर-जनवरी में वृद्धि कम होगी, लेकिन फरवरी से फल आना शुरू हो जाएंगे, जो नवंबर तक उपलब्ध रहेंगे। शुरुआती फसलों के दाम भी अच्छे हैं। थोक बाजार में हरी भिंडी की कीमत 12 से 15 रुपए प्रति किलो के बीच है, जबकि लाल भिंडी 45 रुपए से 80 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही है क्योंकि लोग इसे सुपरफूड की तरह देख रहे हैं।

भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त ज़मीन और जलवायु

जलवायु

भिंडी की खेती के लिए उष्ण और नम जलवायु की आवश्यकता होती है। वहीं इसकी बीजों के जमाव के लिए करीब 20 से 25 डिग्री सेन्टीग्रेट तापमान चाहिए होता है। ध्यान दें कि गर्मी में 42 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान इसकी फसल को नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि ऐसे में इसके फूल गिरने लगते हैं। इसका सीधा असर उपज पर पड़ता है।

भूमि

भिंडी की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इससे जल निकास अच्छी तरह हो जाता है। बता दें कि इसकी खेती के लिए भूमि में कार्बनिक तत्व होना ज़रूरी है, साथ ही पी.एच.मान करीब 6 से 6.8 होना चाहिए। बता दें कि किसानों खेती के पहले एक बार मिट्टी की जांच करा लेनी चाहिए।

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स्रोत: Krishi Jagran