बागवान फलदार पौधों के फूलों पर रसायन का छिड़काव न करें

March 17 2020

नौणी विवि के विशेषज्ञों ने बागवानों और किसानों को सलाह दी है कि यदि उन्होंने दिसंबर और जनवरी में अपने खेतों में गली-सड़ी गोबर की खाद व उर्वरक नहीं डाली है तो इस कार्य को जल्द पूरा कर लें। हाल में हुई बारिश से खेतों में अच्छी नमी है। इसमें इस समय भी यह कार्य किया जा सकता है।

इसके अलावा बागवान फूलों की अवस्था में पेड़ों पर कोई भी रसायन छिड़काव न करें, जो परागण क्रिया और मधुमक्खियों के काम को प्रभावित करता हो। मध्य पर्वतीय क्षेत्रों के किसान ग्लेडियोलस व गेंदे की फसल के उत्पादन के लिए क्यारियों को तैयार करें। क्यारियों में करीब 5 किलोग्राम प्रति वर्गमीटर के हिसाब से गोबर की खाद मिलाएं।

जो बागवान किसी कारण से पौधे न लगा पाए हों, वे पौधे लगाने का काम जल्दी खत्म कर लें। जमीन में अच्छी नमी बनी हुई है, इसलिए बागवान अपने बगीचों में फल पौधे के तौलिए बनाने का कार्य करते रहें। यह जानकारी नौणी विवि के नोडल ऑफिसर डॉ. सतीश भारद्वाज ने दी। 

पशु धन संबंधित कार्य

इस समय में बाह्य परजीवियों की अधिकता पाई जाती है। इनसे बचाव के लिए पशुओं के शरीर पर साइपरमेथ्रिन घोल 1 लीटर पानी में 2.2.5 मिलीलीटर साइपरमेथ्रिन का स्प्रे करें।

इसके अलावा शिशु पालन को बढ़ावा देने के लिए बसंत ऋतु में अनुपूरक खुराक 1:1 चीनी का घोल दें। मौनगृह की सफाई करें। वहीं रानी रहित मौनवंशों को दूसरे मौनवंश में मिला दें। इसके अलावा दुधारू पशुओं को प्रतिदिन उच्च गुणवत्ता का दाना 1 किलोग्राम प्रति 2 किलोग्राम दूध मिश्रण प्रतिदिन डालें।


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स्रोत: अमर उजाला