बड़ी खुशखबरी: किसान 90 प्रतिशत सब्सिडी के साथ लगाएं कृषि आधारित उद्योग, 5 सालों तक सरकार निभाएगी साथ

April 25 2020

देश के अन्नदाता की आय दोगुनी करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. किसानों की आय बहुत कम है, इसलिए खेतीबाड़ी करने वाला किसान ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की तरफ ज्यादा पलायन करता है. इस वक्त किसानों को कोरोना और लॉकडाउन की वजह से कृषि उद्योग में काफी हानि पहुंची है. ऐसे में लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों का रुख करना शुरू कर दिया है. अब जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़ाए जाए. ऐसे में बिहार सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए एक अहम फैसला लिया है.

कृषि आधारित उद्योग पर मिलेगी सब्सिडी

बिहार सरकार ने ग्रामीण इलाकों में कृषि आधारित लघु उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला लिया है. खास बात है कि बिहार सरकार कृषि आधारित उद्योग में लगने वाली लागत पर 90 प्रतिशत की सब्सिडी देगी.

इस योजना पर सरकार कितना खर्च करेगी?

सरकार का प्रयास है कि इस योजना द्वारा ग्रामीण स्तर पर रोजगार और किसानों की आय को बढ़ सके, इसलिए सरकार कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा दे रही है. यह योजना साल 2019–20 से कार्यान्वित की जा रही है, जिसकी अवधि 5 साल है. इन 5 सालों में योजोना पर लगभग 1264.04876 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे.

जिले के अनुसार मिलेगी सब्सिडी

बिहार कृषि मंत्री ने राज्य में कृषि आधरित उद्योग के लिए एक सूची जारी की है जिसेके आधार पर सरकार सब्सिडी देगी.

  • भागलपुर, दरभंगा, पटना और सहरसा – आम
  • किशनगंज – अनानास
  • समस्तीपुर , मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी तथा शिवहर –लीची
  • पूर्वी चम्पारण – लहसुन
  • पश्चिमी चम्पारण – हल्दी
  • भोजपुर – मटर
  • नालन्दा – आलू
  • रोहतास – टमाटर
  • अररिया,समस्तीपुर – हरी मिर्च
  • शेखपुरा, बक्सर – प्याज
  • गया – पपीता
  • कैमूर – अमरूद
  • वैशाली – मधु
  • कटिहार, खगड़िया – केला
  • कृषि आधारित उद्योग की लागत
  • इस योजना के तहत एक इकाई की स्थापना के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रुपए होगी. जिस पर राज्य सरकार 90 प्रतिशत की सब्सिडी देगी. यानी 9 लाख रुपए. ध्यान दें कि सरकार सभी को 10 लाख रुपए नहीं देगी. सरकार की सब्सिडी इस बात पर निर्भर होगी कि आप कौन-सा कृषि आधारित उद्योग शुरू कर रहे हैं.  
  • किस आधार पर मिलेगा योजना का लाभ?
  • किसानों को ऊपर दिए हुए कृषि उद्योग के अनुसार आवेदन करना होगा. इसके बाद जिला प्रशासन किसानों को चिन्हित करेगा. बता दें कि 1 क्लस्टर में 50 हेक्टेयर रकबा शामिल होगा. इसमें चिन्हित किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

योजना में ये सभी उत्पाद होगें शामिल

इस योजना से जिले में उगने वाली फसलों को प्रोत्साहन मिलेगा. बाजार की मांग के अनुसार विभिन्न उत्पादन जैसे पल्प, जूस, जेम, जेली, स्क्वैश एवं फ्लेक्स, पाउडर आदि तैयार कराया जाएगा. इसके बाद उद्यमियों को सीधे डीएम से मार्केटिंग के लिए लिंक कराया जाएगा. इससे उत्पादन का सदुपयोग हो पाएगा. इसके साथ ही किसानों को उत्पादन का सही मूल्य मिलेगा, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल जाएगा.

इस योजना से किसान को लाभ 

कृषि मंत्री की मानें, तो समूह के लिए चयनित किसानों से अंशदान के रूप में कम से कम 5 हजार रुपए प्रति किसान समूह के खाते में जमा कराया जाएगा.  सरकार द्वारा समूह के खाते में 5 लाख रुपए मैचिंग ग्रांट पर दिया जाएगा. अगर समूह के खाते में अंशदान 5 लाख रुपए से कम होता है, तो मैचिंग ग्रांट उसके अनुसार दिया जाएगा. इस योजना के तहत पहले साल में समूह को सभी ढांचागत सुविधा और मशीन की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. दूसरे और तीसरे साल में उत्तम कृषि क्रियाएं, पैकेजिंग मेटेरियल और उत्तम क्रियाएं हेतु राशि उपलब्ध कराई जाएगी. इसके बाद चौथे और पांचवे साल में मरम्मती हेतु राशि उपलब्ध कराई जाएगी.  


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स्रोत: कृषि जागरण