बंपर उत्पादन की उम्मीद: रबी सीजन की बुवाई में 100 फीसदी लक्ष्य हुआ हासिल

January 06 2020

प्रदेश में रबी सीजन की बुवाई में सौ फीसदी लक्ष्य हासिल हो गया है. इस बार अच्छी उपज की उम्मीद है. खास तौर से दलहन की बुवाई लक्ष्य से ज्यादा क्षेत्र में हुई है और इसके बंपर उत्पादन की उम्मीद की जा रही है. हालांकि इसमें मौसम की मेहरबानी जरुरी होगी.

बंपर उत्पादन की उम्मीदें

इस बार ज्यादा रकबे में बुवाई होने के चलते बंपर उत्पादन की भी उम्मीदें लगाई जा रही हैं. कुछ फसलों में बुवाई के आंकड़े ने तय किए गए लक्ष्य को भी काफी पीछे छोड़ दिया है. इस बार प्रदेश पर मेहरबान रहे मानसून का फायदा रबी सीजन में मिला है और बुवाई ज्यादा क्षेत्र में हुई है. बुवाई की स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग उत्साहित है.

ये है बुवाई की मौजूदा स्थिति

  • 27 दिसंबर तक 99.98 फीसदी बुवाई हो चुकी है.
  • 93.30 लाख हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य था.
  • अब तक 93.28 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है.- पिछले साल इस अवधि तक 82.76 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी.
  • जबकि पूरे सीजन में 89.66 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी.
  • जौ की बुवाई लक्ष्य के मुकाबले 121 प्रतिशत क्षेत्र में हुई है.
  • चने की बुवाई लक्ष्य के मुकाबले 134 प्रतिशत प्रतिशत क्षेत्र में हुई है.
  • तारामीरा की बुवाई लक्ष्य के मुकाबले 147 प्रतिशत क्षेत्र में हुई है.

दलहन की बुवाई 130 प्रतिशत तक पहुंची

प्रदेश में रबी सीजन के लिए 16.20 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में दलहन की बुवाई का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन इसके मुकाबले 21.09 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. यानि बुवाई का आंकड़ा लक्ष्य को पार कर 130 प्रतिशत पर पहुंच गया है. इसी तरह खाद्यान्न की बुवाई भी लक्ष्य के मुकाबले 101 प्रतिशत क्षेत्र में हुई है. खाद्यान्न में गेहूं की बुवाई 99.18 और जौ की बुवाई 121 प्रतिशत क्षेत्र में हुई है.

तिलहन की बुवाई का आंकड़ा लक्ष्य के मुकाबले कम रहा

हालांकि तिलहन की बुवाई का आंकड़ा लक्ष्य के मुकाबले कम है. सरसों की बुवाई 86 प्रतिशत क्षेत्र में ही होने से तिलहन की कुल बुवाई का रकबा 89.48 प्रतिशत ही रहा है. बुवाई के ये आंकड़े अच्छे संकेत दे रहे हैं. लेकिन अब जरुरत मौसम की मेहरबानी की है. अगर पाला पड़ने और ओलावृष्टि जैसी स्थिति बनती है तो किसानों की उम्मीदों पर पानी भी फिर सकता है. वहीं पश्चिमी राजस्थान में टिड्डियों का प्रकोप भी फसल को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा रहा है. अगर इस समस्या पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो अच्छी बुवाई के बावजूद उत्पादन का आंकड़ा कम रह सकता है.

 

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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी