फाइकस गार्डन में दुर्लभ पौधों का संसार के संरक्षण में जुटे वनस्पति विज्ञानी

September 14 2019

वन अनुसंधान शाखा के वनस्पति विज्ञानियों ने दुर्लभ प्रजाति के पौधों में शुमार कृष्ण पीपल समेत 122 प्रजाति के फाइकस पौधोें के संरक्षण को लेकर अनूठी पहल की है। विज्ञानियों ने हल्द्वानी में पांच हेक्टेयर में विशेष प्रकार का फाइकस गार्डन तैयार किया है। इसमें केरल, तमिलनाडु, आंधप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बिहार, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, ओड़िसा के अलावा उत्तराखंड समेत देश के तमाम हिमालयी राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजाति के पीपल, पाकड़, बरगद, गूलर जैसे पौधोें को संरक्षित किया गया है।

सबसे अहम श्रीकृष्ण पीपल 

गार्डन में संरक्षित 122 प्रजाति के पौधों में श्रीकृष्ण पीपल सबसे अहम है। दोने नुमा पत्तियों वाली इस विशेष प्रजाति के पीपल के बारे में धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण इसी वृक्ष के पत्ते में दही मक्खन खाते थे। इसीलिए श्रीकृष्ण पीपल का धार्मिक महत्व सबसे अधिक है। वनस्पति विज्ञानियाें का मानना है कि जो पौधे संरक्षित किए गए हैं, उनमें से कई लुप्तप्राय होने की कगार पर हैं।

अंडमान निकोबार से भी लायी गई हैं कई प्रजातियां

वनस्पति विज्ञानियों के मुताबिक गार्डन में कई पौधोें को अंडमान निकोबार से लाया गया है। यह पौधे लुप्त होने की कगार पर हैं। लुप्त हो रहीं हिमालयी राज्योें में पाई जाने वाली कई प्रजातियां भी यहां हैं। 

फाइकस प्रजाति के पौधोें के संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हल्द्वानी में पांच हेक्टेयर में फाइकस गार्डन तैयार किया गया है। यहां श्रीकृष्ण पीपल समेत 122 प्रजाति के पौधों का संरक्षण किया गया है। वनस्पति विज्ञानियों द्वारा इनके संरक्षण को लेकर कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

-संजीव चतुर्वेदी, वन संरक्षक, वन अनुसंधान शाखा

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: अमर उजाला