रायसेन में पांच दिन बाद खुली कृषि उपज मंडी

November 05 2020

सांची उपचुनाव के कारण कृषि उपज मंडी रायसेन को शुक्रवार 30 अक्टूबर को ही बंद कर दिया था। मंडी परिसर में 3 मतदान केंद्र बनाए गए थे। राज्य शासन के सिर्फ 2 व 3 नवंबर को मंडी बंद करने के आदेश दिए थे। 2 को मतदान दल आ गए थे व 3 को मतदान प्रक्रिया संपन्न कराई गई। शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा व ईद मिलादुन्नवी, शनिवार को वाल्मीकि जयंती, रविवार को साप्ताहिक अवकाश के कारण मंडी बंद रखी। इस प्रकार लगातार 5 दिनों तक मंडी बंद होने से किसान धान की उपज की बेच पाए। अब मंडी तो बुधवार सुबह यानी आज पुन: खुल गई, लेकिन आसपास के गांवों के सैकड़ों किसान मंगलवार की रात में ही ट्रैक्टर ट्रालियों में धान लाकर यहां बेचने के लिए पहुंच गए। मंडी के पीछे दशहरा मैदान में किसानों ने ठंड में ट्राली में धान पर सोकर रात बिताई।

गौरतलब है कि रायसेन जिले में एक लाख 20 हजार हेक्टेयर में इस साल धान की बंपर पैदावार हुए है। प्रदेश में सर्वाधिक धान की पैदावार रायसेन और होशंगाबाद जिले में होती है। अभी किसान बासमती किस्म की धान बेचने के लिए मंडी में आ रहे हैं। सामान्य कांति धान की सरकारी खरीदी अभी शुरू नहीं हुई है। इस बार सामान्य कांति धान का शासन ने समर्थन मूल्य 1850 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, जबकि बाजार में बासमती किस्म ई पूसा धान की कीमत अभी खुले बाजार में दाम 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल से अधिक हैं। मप्र की बासमती धान को जी-आइ टैग नहीं मिला है। यदि जी-आइ टैग मिल जाता तो यही बासमती पूसा धान के दाम 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल हो जाते। दिल्ली, पंजाब, उप्र में जी-आइ टैग मिलने के कारण वहां धान की कीमत अधिक है। कई व्यापारी मप्र से कम कीमत में धान खरीदकर जी-आइ टैग वाले राज्यों में दोगुने दाम पर धान बेच रहे हैं।

 

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स्रोत: Nai Dunia