मौसम की बेरुखी और तापमान के ऊपर-नीचे जाने से सेब और अन्य फलों को अभी सिर्फ साढ़े तीन सौ घंटे की ठंड मिल पाई है। बागवानी विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च तक चिलिंग ऑवर्स पूरे होने की उम्मीद है। प्रदेश में तापमान ऊपर जाने से पेड़ों में फूल खिलने का क्रम शुरू हो जाता है। इसका सीधा प्रभाव फलों की सेटिंग में भी पड़ता है। फलों की पैदावार भी घटती है।
बागवानी विशेषज्ञों का कहना है सेब और अन्य फलों को 200 से 1200 चिलिंग ऑवर्स की जरूरत रहती है। सेब की कई किस्में ऐसे भी विकसित की गई हैं, जिनको नौ सौ चिलिंग ऑवर्स की जरूरत रहती है। प्रदेश में तापमान 1 डिग्री से 7.2 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है तो पौधों की जरूरत पूरी हो जाता है। अगर एक या दो घंटे तक तापमान ऊपर भी चला जाए तो पौधों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।
बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने कहा कि फरवरी और मार्च तक फलदार पौधों खासकर सेब के चिलिंग ऑवर्स पूरी होंगे। अभी तक साढ़े तीन सौ चिलिंग ऑवर्स पूरे हुए हैं। अगर चिलिंग ऑवर्स पूरे न हो तो फूल खिलने का क्रम बिगड़ता है और फलों की सेटिंग खराब हो जाता है।
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स्रोत: Amar Ujala