नए कृषि कानूनों को वापस लेने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

November 06 2020

किसान विरोधी काले कानून को वापस लेने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इनमें प्रमुख मांगें कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य एक्ट 2020, आवश्यक वस्तु संशोधन एक्ट 2020, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान सशक्तीकरण और संरक्षण समझौता कानून को किसान संघ के नेताओं ने कहा इससे किसानों का हित नहीं है। व्यापारी, कंपनी व उद्योगपति का ही फायदा हो रहा है। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए से देश के कोई किसान एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश अपनी उपज को बेचने नहीं ले जा सकता।

वहीं इस कानून में एक देश एक बाजार की बात करते हैं लेकिन समर्थन मूल्य का किसी भी तरह से जिक्र नहीं किया गया है। कांट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों का खेत व्यापारी उद्योगपतियों एवं कंपनियों के हाथ में चला जाएगा। किसान उपज अर्थात किसानों की उपज बड़े-बड़े कंपनियों के हाथों में चला जाएगा। इसलिए किसान किसान संघ नेता कानून के विरोध करते हैं। इस मांग को लेकर गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया गया एवं रानी दुर्गावती चौक पुरुर के तिराहा चौक में सांकेतिक रूप से चक्काजाम किया गया। गुरुर क्षेत्र के सैकड़ों किसान मौजूद थे। इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक डौंडीलोहारा किसान संघ संरक्षक जनक लाल ठाकुर, जिला बालोद किसान संघ अध्यक अध्यक्ष गैंदसिंह ठाकुर, प्रवक्ता कुशल ठाकुर, उपाध्यक्ष बिसनाथ गोटा, सचिव उदेराम ओटी, किसान नेता नवाब जिलानी, ओम प्रकाश साहू, बृजलाल कोसमा, सहसचिव सुरेश कुरेटी, कार्यकर्ता शंभू जयते, तुकाराम कोर्राम, बीरबल साहू, फुलसींग सिन्हा, मोती राम देवांगन, बृजलाल रावटे, भरोसा राम, अशोक आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Nai Dunia