धान के कटोरे में चमकेगा आलू,खेती से जुड़ेंगी चार हजार से ज्यादा महिलाएं

February 01 2021

प्रदेश सरकार के नए प्रोजेक्ट की चमक जल्द अंचल में आलू की खेती और फूड प्रोसेसिंग के रूप में नजर आएगी। जिले में धान का कटोरा कहे जाने वाले अंचल में आजीविका मिशन के समूहों से जुड़ी करीब चार हजार महिलाओं के कई समूहों ने आलू की नर्सरी तैयार करनी शुरू कर दी है। आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए अंचल के करीब 500 से 700 समूहों सहित जिलेभर के समूहों को आलू की खेती से जोड़ा जा रहा है। आलू का बीज समूह से जुड़ी महिलाओं को कृषि केंद्रों के सहयोग से विभागीय स्तर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

बता दें कि प्रदेश सरकार ने ग्वालियर जिले के लिए आलू की खेती और फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए चुना है। प्रदेश सरकार के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के इस नए प्रोजेक्ट के तहत जिलेभर में आलू से जुड़ी फूड प्रोसेसिंग यूनिटें खड़ी हो सकेंगी। साथ ही लोग आलू की खेती कर लाभ का धंधा बना सकेंगे।

प्रदेश सरकार के नए प्रोजेक्ट की चमक जल्द अंचल में आलू की खेती और फूड प्रोसेसिंग के रूप में नजर आएगी। जिले में धान का कटोरा कहे जाने वाले अंचल में आजीविका मिशन के समूहों से जुड़ी करीब चार हजार महिलाओं के कई समूहों ने आलू की नर्सरी तैयार करनी शुरू कर दी है। आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए अंचल के करीब 500 से 700 समूहों सहित जिलेभर के समूहों को आलू की खेती से जोड़ा जा रहा है। आलू का बीज समूह से जुड़ी महिलाओं को कृषि केंद्रों के सहयोग से विभागीय स्तर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

बता दें कि प्रदेश सरकार ने ग्वालियर जिले के लिए आलू की खेती और फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए चुना है। प्रदेश सरकार के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के इस नए प्रोजेक्ट के तहत जिलेभर में आलू से जुड़ी फूड प्रोसेसिंग यूनिटें खड़ी हो सकेंगी। साथ ही लोग आलू की खेती कर लाभ का धंधा बना सकेंगे।

यहां के किसानों की बढ़ी उम्मीद अब फूड प्रोसेसिंग पर ध्यान

ग्वालियर जिले की बात करें तो डबरा क्षेत्र के पिछोर, टेकनपुर क्षेत्र के गांवों में और भितरवार क्षेत्र के पलायछा, मोहनगढ़, खड़ीचा, आंतरी, चीनोर क्षेत्र के कुछ किसान आलू की खेती करने लगे हैं। वह अभी तक सिर्फ नगर कस्बों व जिले की मंडी तक ही सीमित थे, लेकिन अब किसान बड़े स्तर पर खेती को बढ़ावा देने की तैयारी कर रहे हैं। इसे लेकर वह कृषि अनुसंधान केंद्रों पर संपर्क भी कर रहे हैं। अगर देहात की बात करें तो आठ से दस फीसदी किसान थोड़े बहुत रूप में आलू की खेती से जुड़े हैं, लेकिन अब वह फूड प्रोसेसिंग से जुड़कर खेती में बदलाव लाना चाहते हैं।

ग्वालियर जिले में आलू की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। लोग आलू की खेती कर बेहतर लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा इच्छुक लोग फूड प्रोसेसिंग की यूनिटें लगाना चाहते हैं उनको सरकार पूरा सहयोग करेगी। खेती को लाभ का धंधा बनाना ही सरकार का उद्देश्य है। -भारत सिंह कुशवाह, राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण।

आलू की खेती से हमारे समूहों को भी जोड़ा जा रहा है। अन्य विभागीय सहयोग से उनको बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। ये सरकार का बेहतर प्रोजेक्ट है। इससे जुड़कर कोई भी आलू की खेती और फूड प्रोसेसिंग कर सकेगा। - नारायण सिंह कुशवाह, ब्लॉक मिशन मैनेजर, डबरा।

हमने आलू की खेती करना शुरू कर दी है। हमें चिप्स बनाने वाले आलू का बीज भी उपलब्ध कराया गया है। अगर अच्छी खेती हुई तो हम फूड प्रोसेसिंग की यूनिटें भी लगा सकते हैं। -अनीता, समूह संचालक, समूदनक्षेत्र।

 

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स्रोत: Nai Dunia