गिरते जलस्तर पर जागी सरकार, 12 लाख हेक्टेयर धान की होगी सीधी बिजाई

May 19 2021

पंजाब में गिरते जल स्तर को लेकर प्रदेश सरकार जाग गई है। धान के सीजन में अधिक से अधिक पानी बचाने के लिए सीधी बिजाई पर फोकस कर रही है। इस कारण इस साल प्रदेश में 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य रखा है। इस विधि से धान की बिजाई 25 मई से शुरू होगी, जो 2 जून तक की जाएगी। इस कार्य में सरकार और कृषि विशेषज्ञ राज्य के प्रगतिशील किसानों की मदद ले रहे हैं।

पंजाब में धान उगाने के लिए न केवल भूमिगत पानी का दोहन होता है, साथ में अच्छी पैदावार के लिए जमकर उर्वरक का भी प्रयोग किया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक, पंजाब में एक किलो धान उगाने के लिए 17 लीटर तक पानी का इस्तेमाल किया जाता है। केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी हर साल गिरते जलस्तर को लेकर चिंता जताती है। अब पंजाब सरकार ने इस गंभीर समस्या पर काम शुरू कर दिया है। 

धान की बिजाई के दौरान पानी के खर्च को रोकने के लिए अब सरकार धान की सीधी बिजाई विधि पर फोकस कर रही है। यही कारण है कि इस साल धान के सीजन से पूर्व राज्य के प्रगतिशील किसानों को साथ लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। इसके कारण 2020 के मुकाबले सीधी बिजाई के क्षेत्रफल में काफी इजाफा हुआ है। इस साल 12 लाख हेक्टेयर में धान को सीधी बिजाई के तकनीक से उगाया जाएगा। इस तकनीक को कृषि विशेषज्ञ भी जल को बचाने के लिए बेहतर विकल्प मान रहे हैं।

बिजली की विशेष आपूर्ति

25 मई से 2 जून तक होने वाली धान की सीधी बिजाई के लिए खेत में पानी की सुचारु आपूर्ति के लिए विशेष बिजली की आपूर्ति की जाएगी। विशेषज्ञ भी कोरोना महामारी के चलते लेबर की कमी के कारण किसानों के लिए धान की सीधी बिजाई को बेहतर विकल्प मान रहे हैं।

ट्यूबवेल पर लगेगी लगाम

इस विधि के प्रयोग से बरसात के पानी को भी रोकने में काफी मदद मिलेगी। इससे सिंचाई में प्रयोग होने वाले ट्यूबवेलों की संख्या में भी कमी आएगी। एक अनुमान के अनुसार राज्य में सिंचाई के लिए 14 लाख से अधिक ट्यूबवेलों का उपयोग किसानों के द्वारा किया जा रहा है।

राज्य में भू-जल का स्तर गिर रहा है, यह चिंताजनक है। धान की सीधी बिजाई की तकनीक गिरते जल स्तर को बचाने में कारगर साबित होगी। सरकार भी इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को सहयोग कर रही है- डा. बलविंदर सिंह सिद्धू, कृषि कमिश्नर, पंजाब।

 

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स्रोत: Amar Ujala