बिना मिट्टी ट्यूलिप फूल की हर महीने, लिलियम की साल में छह बार ले सकेंगे फसल

March 02 2021

देश भर में अब फूलों की कमी नहीं होगी। ट्यूलिप फूल की हर महीने जबकि लिलियम की साल में छह बार फसल ली जा सकेगी। सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) संस्थान पालमपुर ने शोध के बाद हाइड्रोपोनिक्स तकनीक विकसित की है। इससे बिना मिट्टी साल में कई बार फूल तैयार किए जा सकेंगे। 

अभी तक लिलियम की फसल तैयार होने में चार से पांच और ट्यूलिप फूल की फसल के लिए तीन से चार माह का समय लगता था। सीएसआईआर की हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खासकर गर्मियों में फूलों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। देश में बढ़ती आबादी और कम हो रही जमीन के लिए यह तकनीक काफी कारागार साबित होगी। इसमें मिट्टी की जरूरत नहीं होगी। यह तकनीक तैयार करने के लिए सीएसआईआर में करीब दो साल से शोध चल रहा था। 

अभी नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों से फूलों के बल्ब मंगवाए जाते थे, लेकिन अब फूलों की कमी को देश में पूरा किया जा सकेगा। संस्थान इस तकनीक का प्रशिक्षण फूल उत्पादकों को देगा। इससे आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत किसानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।

यह है हाइड्रोपोनिक्स तकनीक 

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में पोषक तत्व और पानी का मिश्रण तैयार किया जाता है। इसमें माइक्रो और मेक्रो पदार्थ (फर्टिलाइजर) डाले जाते हैं। फूल या पौधे तैयार करने के लिए ग्रोथ बॉक्स तैयार किया जाता है। इसमें हल्के छेद किए जाते हैं। ग्रोथ बॉक्स में रखे फूलों के बल्बों के इस मिश्रण का पानी दिया जाता है। ग्रोथ बॉक्स में किसी मिट्टी का कोई मिश्रण नहीं होता है। इस विधि से ही फूल और अन्य छोटे पौधे तैयार होते हैं।

संस्थान ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक तैयार की है। इससे फूलों की खेती को काफी बढ़ावा मिलेगा। यह देश में पहली बार होगा। फूलों के अलावा किचन गार्डन से अन्य पौधे भी तैयार किए जा सकते हैं। किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे उनकी आर्थिकी मजबूत होगी।- डॉ. संजय कुमार, सीएसआईआर के निदेशक

 

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स्रोत: Amar Ujala