जम्मू-कश्मीर में जड़ी-बूटियों से बनेगी महिलाओं के कैंसर की सस्ती दवा

February 26 2021

जम्मू-कश्मीर में हिमालय की दुर्लभ जड़ी बूटियों से महिलाओं के कैंसर की सस्ती दवाइयां बनेंगी। केंद्र सरकार ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम)- काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) का प्रस्ताव मंजूर कर 10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। पांच साल की परियोजना में टीम हिमालय की जड़ी-बूटियों की पहचान कर शोध से दवाई बनाने का फार्मूला तैयार करेगी। इस पर अप्रैल से शोध शुरू होगा।

देशभर में महिलाओं में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। कैंसर से हर साल हजारों महिलाएं दम तोड़ देती हैं। केंद्र सरकार ने जड़ी बूटियों से दवाइयां बनाने के लिए दस करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह राशि आईआईआईएम सीएसआईआर के पास पहुंच गई है। पहले चरण में कैंसर से लड़ने के लिए मौजूदा जड़ी बूटियों पर काम होगा। इसके बाद विशेषज्ञ हिमालय पर्वत शृंखला में जड़ी बूटियों की पहचान करेंगे। 

सीएसआईआर में तैयार होगा दवा का फार्मूला 

सीएसआईआर दवाइयों का फार्मूला तैयार करेगा और इसे आयुर्वेदिक फार्मा कंपनियों को दिया जाएगा। इसके बाद कंपनियां दवाइयां बनाएंगी।  

इन जड़ी बूटियों पर पहले होगा शोध 

प्रदेश की पहाड़ियों में कंरु, टेक्टस, जुखाल, बनकंडी, पोरथियस, सदाबहार फूल, भांग जैसी जड़ी बूटियां पाई जाती हैं। सबसे पहले इन पर शोध होगा।  

केंद्र सरकार ने आईआईआईएम-सीएसआईआर के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दस करोड़ की राशि आवंटित की है। प्रदेश और हिमालय की पहाड़ियों में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों पर शोध होगा और दवा का फार्मूला तैयार किया जाएगा। आयुर्वेदिक कंपनियों के माध्यम से दवाइयां निर्मित की जाएंगी। इस प्रोजेक्ट पर पांच साल तक काम होगा- डॉ. दिलीप मांडे, अनुसंधान विशेषज्ञ, आईआईआईएम-सीएसआईआर

 

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स्रोत: Amar Ujala