जई की इस किस्म की खेती कर किसान पाएं प्रति हेक्टेयर 550 क्विंटल हरा-चारा

November 10 2021

आमतौर पर ये देखा गया है की किसानों को कई फसल को उपजाने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान हेतु चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हिसार के गांव चिड़ौद में एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम विस्तार शिक्षा निदेशालय में चल रही फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत किया गया। जहां गांव के किसानों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। परियोजना में कार्यरत डॉ. आरएस श्योराण ने किसानों को रबी सीजन की चारा फसलों के उत्पादन को लेकर विस्तृत जानकारी दी। साथी ही उनके मन में चल रही दुविधा और सवालो का भी उत्तर दिया।

डॉ. श्योराण ने किसानों को जई की ज्यादा कटाई वाली किस्मों की बिजाई की सलाह दी, ताकि हरे चारे की निरंतर उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से विकसित एचजे-8 किस्म की बिजाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस किस्म की औसतन पैदावार लगभग 550 क्विंटल हरा-चारा प्रति हेक्टेयर है। प्रशिक्षण में डॉ. अनिल मलिक व डॉ. राकेश कुमार का विशेष सहयोग रहा।

किसान फास्फोरस वाली खादों का भी कर सकते हैं इस्तेमाल

आयोजन के दौरान किसानों की समझ को और बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि चारे वाली फसलों में नाइट्रोजन के साथ-साथ फास्फोरस (Phosphorus) वाली खादों का भी प्रयोग किया जाना चाहिए। इससे न सिर्फ फसल की उपज और गुणवत्ता पर असर पड़ता है बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है। जई के अलावा बरसीम की उन्नत किस्में, बिजाई व उत्पादन तकनीकों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला. इस अवसर पर किसानों को जई की एचजे 8 किस्म का बीज वितरित किया गया, ताकि किसान अपने खेत पर ही इसका बीज भी तैयार कर सकें।

इस महीने आयोजित होंगे कई और प्रशिक्षण कार्यक्रम

एचएयू के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान की ओर से किसानों के लिए विभिन्न प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाएगा। संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक गोदारा से मिली जानकारी के मुताबिक संस्थान की ओर से दूध और उसके उत्पादों का उत्पादन एवं विपणन का प्रशिक्षण 15 नवंबर को होगा। इसी तरह सब्जी फसलों के लिए नर्सरी उत्पादन विषय पर 22 नवंबर को ट्रेनिंग होगी।

वहीं गोदारा ने बताया कि मधुमक्खी पालन विषय पर 24 नवंबर से प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाएगा। ये प्रशिक्षण किसानों, युवाओं व ग्रामीण महिलाओं के लिए आयोजित होंगे। प्रशिक्षण के उपरांत प्रतिभागियों को संस्थान की ओर से प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। उन्होंने आह्वान किया कि इन प्रशिक्षणों में हिस्सा लेकर प्रतिभागी अधिक से अधिक लाभ उठाएं और स्वरोजगार स्थापित कर अपनी आमदनी में इजाफा करें।

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स्रोत: Krishi Jagran