गोठान समितियों और स्वसहायता समूहों को मिला 6.72 करोड़ का लाभांश

March 16 2021

छत्तीसगढ़ में गोठानों में बनाए जा रहे वर्मी कंपोस्ट की बिक्री ने गोठान समितियों और इसके उत्पादन में लगीं स्वसहायता समूहों की महिलाओं को कमाई का नया जरिया प्रदान किया है। प्रदेशभर के गोठानों में तैयार एक लाख 17 हजार क्विंटल खाद में से अब तक बेचे गए 71 हजार क्विंटल से प्राप्त राशि में से कुल छह करोड़ 72 लाख रुपये का लाभांश राज्य सरकार ने गोठान समितियों और स्वसहायता समूहों के खाते में अंतरित की है। इसमें से तीन करोड़ 99 लाख रुपये गोठान समितियों और दो करोड़ 73 लाख रुपये का लाभांश स्वसहायता समूहों के खाते में डाली जा रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने नरवा, गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम संचालित की जा रही है। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में संचालित 5,262 गोठानों में 4,971 समूहों की कुल 50 हजार 772 सदस्य विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित कर रही हैं। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने मंगलवार को रायपुर और महासमुंद जिले के गोठानों के अध्ययन भ्रमण पर आईं कांकेर जिले की गोठान समितियों और स्वसहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा के दौरान यह जानकारी दी।

उन्होंने महिलाओं से उनके अध्ययन भ्रमण के अनुभव की जानकारी भी ली। कृषि विभाग की सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त डा. एम. गीता और राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक जीके निर्माम भी इस दौरान मौजूद थे। कृषि मंत्री चौबे ने महिलाओं को बताया कि पशुधन के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रदेशभर में स्वीकृत 9,182 गोठानों में से अभी 5,262 संचालित हैं। प्रदेश में 20 जुलाई 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 42 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।

इसके एवज में पशुपालकों को 84 करोड़ 17 लाख का भुगतान किया गया है। गोठानों में गोबर खरीदी का फायदा एक लाख 59 हजार पशुपालकों को मिला है, जिनमें से 67 हजार 888 भूमिहीन हैं। गोबर बेचने वालों में 45 प्रतिशत महिलाएं हैं।

उन्होंने बताया कि बस्तर क्षेत्र के ग्रामीणों को कृषि गतिविधियों में नवाचार अपनाने, गोधन न्याय योजना को बेहतर ढंग से समझाने तथा उन्न्त कृषि को अपनाने के लिए प्रेरित करने मैदानी क्षेत्रों के गोठानों का अध्ययन भ्रमण कराया जा रहा है। इसके लिए कांकेर, सुकमा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के गोठान समितियों और स्वसहायता समूहों के 25-25 सदस्यों को बुलाया जा रहा है।

 

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स्रोत: Nai Dunia