ओलावृष्टि से सरसों की फसल को हुआ नुकसान

January 31 2020

मंगलवार की रात को जिले के कई गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। सब्जियों की फसलों के साथ-साथ सरसों की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। हालांकि कृषि विभाग फसलों में अधिक नुकसान नहीं होने की बात कह रहा है। जबकि सरसों की फसल फिलहाल पक तैयार हो रही है। सरसों की अगेती फसलों में फलियां भी आ चुकी है। वसंत पंचमी से पहली रात को हुई बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि के कारण झज्जर की आसपास ही नहीं बल्कि जिले के अंतिम छोर पर स्थित गांव में भी ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों को मांग की है कि उनकी फसलों के नुकसान का आंकलन करवाकर मुआवजा दिया जाए। इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी क्षेत्र से रिपोर्ट मांगी है।

इन गांवों में हुई ओलावृष्टि: मंगलवार की रात को बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे शाहजापुर, कुंजिया, रणखंडा, भिंडावास, फतेहपुरी आदि गांव में फसलों को नुकसान हुआ है। रणखंडा निवासी किसान राहुल, सुरेश, बबल आदि किसानों का कहना है कि मंगलवार की देर शाम को बारिश के साथ ओलावृष्टि होने के साथ मटर, टमाटर और सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि की वजह से सरसों की अगेती फसल में नुकसान अधिक है। किसानों को पहले भी सरसों की फसल में मौसम की वजह से नुकसान हुआ था। जिस समय सरसों बिजाई की गई उस सरसों की फसल की बिजाई दो से तीन बार करनी पड़ी थी और अब फसल पक तैयार होने लगी, तो ओलावृष्टि से फसल को नुकसान हुआ है।

बारिश के बाद बढ़ी सर्दी : मंगलवार की रात को हुई बारिश व ओलावृष्टि के बाद ठंड का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ने लगा है। क्षेत्र में चार पांच दिन से अच्छी धूप खिलने से ठंड का प्रकोप कम होने लगा था। लेकिन मंगलवार की रात से हुई ओलावृष्टि के बाद से बुधवार की शाम को ठंड का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ गया है। वहीं मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अब कोहरा छाने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।


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स्रोत: अमर उजाला