अमेरिकी कृषि विभाग की रिपोर्ट, भारत में बढ़ेगा सोयाबीन उत्पादन

May 31 2021

खाद्य तेलों में तेजी के लंबे दौर के बाद अब स्थिरता की उम्मीद की जा रही है। विश्लेषक अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) की रिपोर्ट और खाद्य तेल उत्पादक प्रमुख देशों में मौसम व अगली फसल के अनुमान को इसका आधार बना रहा है। स्वास्तिक इंवेस्टमार्ट के सीनियर एनालिस्ट नृपेंद्र यादव कहते हैं सोयाबीन और तेल काम्प्लेक्स में पिछले दिनों की तेजी के पीछे बायो फ्यूल के उत्पादन में खाद्य तेलों के बढ़ता इस्तेमाल भी एक प्रमुख वजह रही। ब्राजील और दक्षिण अमेरिकी देशों में खराब मौसम से सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई। इन सब कारणों से बीते दिनों में वायदा बाजार तेल काम्प्लेक्स में पिछले दिनों अच्छी खासी तेजी आ गई थी। इसके बाद अब महंगाई पर सरकारी निगरानी शुरू हुई। इस बीच कोरोना की बंदिशों से लेकर अन्य तमाम वजहों से मांग में भी खासी कमी आई। इससे इन दिनों से खाद्य तेल की तेजी थमी हुई है। अब सोयाबीन और सोया रिफाइंड तेल की कीमतें ऊपरी स्तरों से धीरे-धीरे नीचे आ रही है। सोया तेल की ऊंची कीमतों के कारण ही सोयाबीन के भाव को समर्थन मिला है।

यूएसडीए का अनुमान है कि 2021-2022 में कुल अमेरिकी सोयाबीन निर्यात में मौजूदा वर्ष के निर्यात स्तरों की तुलना में 205 मिलियन बुशल की गिरावट आएगी। 2021 में कुल अमेरिकी सोयाबीन का उत्पादन 4.405 बिलियन बुशल होने का अनुमान है। यह वर्ष 2020 में अमेरिकी सोयाबीन उत्पादन 4.135 बिलियन बुशल और 2019 के 3.55 बिलियन बुशल से अधिक होगा। 2021 के लिए सोयाबीन का रकबा 87.6 मिलियन एकड़ आंका गया है जो कि 2020 में 83.1 मिलियन एकड़, 2019 में 76.1 मिलियन एकड़ से ज्यादा है।

दूसरी ओर भारत में मौसम विभाग ने इस साल मानसूव सामान्य रहने का अनुमान जताया है। बीते वर्ष में सोयाबीन के भाव ऐतिहासिक रहे इसलिए किसान सोयाबीन की फसल लेने में रुचि लेंगे। साथ ही सरकार भी इसे बढ़ाने में लगी है। ऐसे में सोयाबीन के रकबे में इजाफा होने की पूरी उम्मीद है। यूएसडीए ने भी भारत में सोयाबीन उत्पादन 10.45 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 11.20 होने का अनुमान जताया है।

खाली पाइपलाइन और अच्छे दाम को देखकर पश्चिम अफ्रीकी देशों में जहां भारत की तरह नान जीएम सोयाबीन पैदा हो रहा है उन्होंने भी भारत की ओर निर्यात सौदे बढ़ा दिए हैं। कमोडिटी मार्केट के तकनीकी विश्लेषण के हिसाब से इस सप्ताह सोयाबीन और सोया रिफाइंड तेल वायदा में बिकवाली का दबाव रह सकता है। इसमें 6800 रुपये पर सपोर्ट है और 7350 रुपये पर प्रतिरोध है। इसी तरह सोया रिफाइंड तेल में 1340 रुपये पर सपोर्ट और 1410 रुपये पर प्रतिरोध है। शनिवार को इंदौर के हाजर बाजार में सोया तेल में डिमांड कम होने से भाव धीरे-धीरे टूटते दिखे। सोयाबीन तेल इंदौर घटकर 1390-1415 रुपये प्रति 10 किलो रह गया।

तिलहन- सरसों 6050 से 6100, रायडा 6300 से 6450, सोयाबीन 7300 से 7500 रुपये क्विंटल। सोयाबीन डीओसी स्पाट 59000 से 60000 रुपये टन।

प्लांटों ने नई सोयाबीन के भाव- बैतूल 7400, प्रेस्टीज 7200, महाकाली 7200, कृति 7100, लक्ष्मी 7200, इटारसी 7200, रुचि 7200 रुपये।

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Nai Dunia