मानसून की लेटलतीफी से चिंता नहीं, बुआई 7 जुलाई तक

June 17 2021

जिले में फिलहाल मानसून की लेटलतीफी देखने को मिल रही है, अब तक अमूमन मानसून सक्रिय हो जाया करता है, लेकिन इस बार किसानों सहित अन्य लोगों को भी बारिश का इंतजार है। दरअसल, जलस्रोत सूख रहे हैं तो भूजल स्तर भी तेजी से सिमट रहा है। खरीफ फसलों को लेकर किसान तैयारी में जुटे हुए हैं, लेकिन बुआई को लेकर फिलहाल इसलिए चिंता की बात नहीं है, क्योंकि अभी बुआई के लिए उपयुक्त समय नही है, माहौल में गर्मी है। जिले में औसतन चार इंच बारिश नहीं हुई है वहीं बीज बोने का उचित समय 25 जून के बाद ही शुरू होता है।

जून आधे से ज्यादा बीत चुका है। क्षेत्र में प्रतिदिन आसमान में बादल छा रहे हैं, लेकिन इससे गर्मी के साथ ही उमस का वातवारण हो रहा है। तापमान का पारा भी चढ़ा हुआ है। लोग पसीना-पसीना हो रहे हैं। इन दिनों तक अमूमन बारिश होने लगती है लेकिन फिलहाल ऐसी स्थिति नही है। इस माह दो तीन बार बारिश जरूर हुई लेकिन वह अपर्याप्त ही रही।

जिले में फसलों का इतना रकबा

जिले में दो लाख 85 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सोयाबीन, मक्का आदि फसलों की बुआई होना है। कुल रकबे में से दो लाख 82 हजार 600 हेक्टेयर में तो अकेले सोयाबीन की ही बुआई की जाना है। जबकि मूंगफली 400 हेक्टेयर, मक्का, 1500 तथा ज्वार 70 हेक्टेयर में उत्पादित होगी। वहीं दलहनी फसल में उड़द 500, मूंग 150 अरहर 600 हेक्टेयर में बोई जाएगी।

इसलिए नहीं करें अभी बुआई

उपसंचालक कृषि आरपीएस नायक बताते हैं कि जिले में खरीफ फसलों की बुआई का उपयुक्त समय 25 जून से 7 जुलाई के बीच इसलिए माना जाता है, क्योंकि तब तक बारिश का दौर प्रारंभ हो जाता है। माहौल मे पर्याप्त ठंडक घुल जाती है। जमीन में भी नमी रहती है। चार इंच बारिश भी इस दौरान हो जाती है। इस समय अवधि में बुआई करने के बाद कीट व्याधियों आदि का प्रकोप कम रहता है। इसके चलते उत्पादन बेहतर मिलने की संभावना रहती है। जबकि वर्तमान में गर्मी व उमस के बीच बुआई के लिए उपयुक्त नहीं है।

अंकुरण परीक्षण कर लें

उपसंचालक कृषि नायक ने बताया कि बुआई में अभी समय है इसलिए किसान तैयारियां कर लें। सबसे पहले बीज का अंकुरण परीक्षण कर लें। सोयाबीन बीज का बोनी से पहले अंकुरण परीक्षण कर न्यूनतम 70 प्रतिशत से अधिक है या नहीं यह सुनिश्चित कर ले। परीक्षण के लिए एक वर्गमीटर की क्यारी बनाकर कतारों में 45 सेन्टीमीटर की दूरी पर 100 बीज बोए एवं अंकुरण पश्चात स्वस्थ पौधो को गिन ले। यदि 100 में से 70 से अधिक पौधे अंकुरित हो तो बीज उत्तम है। अंकुरण की क्षमता का परीक्षण गिले टाट पर बीज उगाकर भी किया जा सकता है। उन्होंने किसानों से फसल चक्र अपनाने की सलाह दी है। किसान सोयाबीन के अलावा अन्य फसलों की भी बुआई करें। इस संबंध में उपंसचालक कृषि नायक, डॉ. एसएस धाकड़, डॉ मुकेशसिंह अलग-अलग ग्रामों में पहुंचे तथा किसानों को जागरूक भी किया है।

जिले में इतनी बारिश हुई

जिले में 1 जून से अब तक शाजापुर में 38.8 मिमी, मोहन बड़ोदिया में 38 मिमी, शुजालपुर में 75 मिमी, कालापीपल में 66 मिमी एवं गुलाना में 14 मिमी इस प्रकार कुल 46.4 मिमी औसत वर्षा हुई है। इस तरह फिलहाल बारिश औसतन जिले में दो इंच से कम ही हुई है।

बीज की किल्लत के बीच अच्छी बारिश के बाद शुरू होगी खरीफ की बोवनी

नगर में अब तक प्री-मानसून वर्षा 75 एमएम दर्ज की गई है। प्रतिदिन शाम के समय होने वाली वर्षा से मौसम में ठंड़क घुली जरूर है पर सुबह व रात में उमस के कारण लोग बेहाल है। प्री-मानसूनी वर्षा अच्छी होने से किसान खेती में जुट गए हैं। बोवनी की तैयारी में लगे किसानों को सोयाबीन के बीज की किल्लत होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नगर में अभी तक 75 एमएम यानी तीन इंच वर्षा दर्ज की गई है। प्री-मानसूनी बरसात को देखते हुए मानसून में अच्छी वर्षा के संकेत है। तीन इंच बारिश होने के बाद भी किसान पूर्ण मानसून के आने के इंतजार में है। इस बार किसान बोवनी में जल्दी में नहीं दिखाई दे रहे हैं। किसान विक्रमसिंह कटारिया के अनुसार सोयाबीन के बीज के अभाव व महंगे बिक रहे बीज के कारण कोई भी किसान अभी बोवनी करने के मूड में नहीं है। अभी किसान मानसून के आने का इंतजार कर रहा है। किसान डरा हुआ है कि बोवनी बिगड़ गई तो महंगे बीज के कारण डबल से बोवनी करने में किसान असमर्थ रहेगा। ऐसे प्री-मानसून को देखकर बोवनी करना नासमझी होगी। वहीं इस बारे में कृषि विशेषज्ञों की माने तो किसानो को बोवनी जून 25 से 5 जुलाई के बीच करने फायदेमंद रहता है। इस बार किसान भाई भी कृषि विशेषज्ञों की सलाह अनुसार जून के अंतिम सप्ताह में बोवनी करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। वैसे किसान भाई अपनी पूरी तैयारी से हैं। सिर्फ वह मानसूनी बारिश के इंतजार में है, पहली बारिश आते ही क्षेत्र में बोवनी शुरू हो जाएगी।

 

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स्रोत: Nai Dunia