भारत ने जैविक बाजरा का डेनमार्क को निर्यात किया शुरू, वैश्विक बाजार में है बेहद मांग

May 07 2021

एपीडा, उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड (यूकेएपीएमबी) और एक निर्यातक के रूप में जस्ट ऑर्गनिक उत्तराखंड के किसानों से रागी (फिंगर मिलेट), और झिंगोरा (बार्न यार्ड मिलेट) खरीदकर और उसे प्रसंस्कृत निर्यात करता है, जो यूरोपीय संघ के जैविक प्रमाणीकरण मानकों को पूरा करता है।

बाजरा की वैश्विक बाजार में है बेहद मांग

यूकेएपीएमबी ने इन किसानों से सीधे बाजरे की खरीद की है, जिन्हें मंडी बोर्ड द्वारा निर्मित और जस्ट ऑर्गनिक द्वारा संचालित अत्याधुनिक प्रसंस्करण इकाई में प्रसंस्कृत किया गया है। इस मौके पर एपीडा के अध्यक्ष डॉ.एम. अंगामुथु ने कहा “बाजरा भारत की एक अद्भुत फसल है जिसकी वैश्विक बाजार में बेहद मांग है. हम हिमालय से आने वाले उत्पादों पर विशेष ध्यान देने के साथ बाजरा का निर्यात बढ़ाने पर खास जोर देंगे।”

स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने की वजह से विदेशी बाजार में अधिक मांग

उन्होंने कहा कि भारतीय जैविक उत्पाद अपनी पोषकता और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने की खासियत की वजह से विदेशी बाजार में अधिक मांग प्राप्त कर रहे हैं। उत्तराखंड की पहाड़ियों में बाजरा की किस्में भोजन का प्रमुख हिस्सा है. उत्तराखंड सरकार जैविक खेती का समर्थन करती रही है। यूकेएपीएमबी एक अनूठी पहल के माध्यम से जैविक प्रमाणीकरण प्राप्त के लिए हजारों किसानों का समर्थन कर रहा है। ये किसान मुख्य रूप से रागी, बार्नयार्ड मिलेट, अमरनाथ आदि जैसे बाजरा की किस्में पैदा करते हैं।

किसानों को मिलेगा फायदा

डेनमार्क को बाजरा के निर्यात से यूरोपीय देशों में निर्यात के अवसरों का विस्तार होगा. निर्यात से जैविक खेती से जुड़े हुए हजारों किसानों को भी फायदा मिलेगा। उच्च पोषकता और ग्लूटेन मुक्त होने के कारण भी बाजरा विश्व स्तर पर बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

जैविक उत्पादों को 58 देशों में किया जाता है निर्यात

ऑयल केक देश से जैविक उत्पाद निर्यात की एक प्रमुख उत्पाद है। जिसके बाद ऑयल सीड, फलों की पल्प और प्यूरी, अनाज और बाजरा, मसाले, चाय, औषधीय पौधों के उत्पाद, सूखे फल, चीनी, दालें, कॉफी, आवश्यक तेल आदि शामिल हैं. भारत के जैविक उत्पादों को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, इजरायल और दक्षिण कोरिया सहित 58 देशों में निर्यात किया जाता है।

गौरतलब है कि वर्तमान में उन जैविक उत्पादों का निर्यात किया जाता है जो जैविक उत्पादन के राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीओपी) की आवश्यकताओं के अनुसार फसलों का उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकिंग और लेबल किए जाते हैं।

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Krishi Jagran