नेट पर पढ़े फायदे, देसी खाद की मदद से उगा डाला, कई रोगों में करती हैं रामबाण का काम

March 12 2021

पंजाब के नंगल में एक परिवार ने काले रंग का गेहूं उगाया है। नंगल के गांव जांदला के रहने वाले किसान संग्राम दत्त नड्डा ने यह प्रयोग किया है। इसका आटा आम गेहूं जैसा सफेद ही होगा। आर्गेनिक ढंग से उगाए गए इस गेहूं के आटे से बनी रोटियां खाने से कैंसर, मधुमेह जैसी कई बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। नड्डा के परिवार के सदस्य भरत भूषण नड्ढा, परमिंद्र व अक्षय के मुताबिक उन्होंने इंटरनेट पर इस गेहूं के बारे में सर्च किया था।  

इसी दौरान उन्होंने मोहाली से डॉ. मोनिका का एक इंटरव्यू देखा, जिससे इस गेहूं के बारे में और जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने कृषि अधिकारी नरेंद्र सिंह से संपर्क किया। उन्होंने उनके दिशा निर्देशों के तहत इस गेहूं की फसल बोई। पैदावार के लिए कीटनाशक दवाओं का प्रयोग न करते हुए केवल देसी खाद का ही इस्तेमाल किया गया। 

फिलहाल 6 कनाल भूमि पर प्रयोग के तौर पर ही इस गेहूं की बिजाई की गई। इस गेहूं के आटे की बड़े शहरों के बाजारों में काफी मांग है। किसान परिवार ने बताया कि आम गेहूं 1800 से 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिकता है। इस काले गेहूं का मूल्य चार से पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल बताया जा रहा है। 

इस गेहूं के आटे का सेवन कर मोटापा, मधुमेह, दिल की बीमारी, कब्ज, रक्तचाप, कोलस्ट्रोल जैसी बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है, क्योंकि इसका सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तनाव हावी नही होता और इस गेहूं में विटामिन बी, फोलिक एसिड, मैगनीज व फाइबर जैसे पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। 

कृषि अधिकारी अवतार सिंह ने बताया कि उपमंडल नंगल के तहत पड़ते गांव जांदला का यह पहला परिवार है, जिसने प्रयोग के तौर पर काले रंग का गेहूं उगाया है। वैसे इसकी ज्यादातर पैदावार मोहाली जैसे क्षेत्र में होती है। उन्होंने भी माना कि इस गेहूं के आटे में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने से कई बीमारियों से राहत मिलती है।

 

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स्रोत: Amar Ujala