जम्मू-कश्मीर सरकार का बड़ा फैसला: जल्द खराब होने वाले फलों और सब्जियों की शुरू हुई एयरलिफ्टिंग

June 10 2021

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को जल्द खराब होने वाली बागवानी उपज जैसे चेरी के लिए प्रदेश से दिल्ली और मुंबई जैसे बाजारों के लिए एयरलिफ्ट की सेवा शुरू कर दी। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण एवं बागवानी विभागों के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कश्मीर घाटी के विभिन्न विक्रेताओं की चेरी ले जाने वाली वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया।

इसे बाद में श्रीनगर हवाई अड्डे से दिल्ली और मुंबई के लिए एयरलिफ्ट किया गया। इस मौके पर सचिव चौधरी ने कहा कि यह जम्मू और कश्मीर के बागवानी क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक इवेंट है। जल्द खराब होने वाले फलों और जैविक सब्जियों के विपणन के लिए एक अलग शुरुआत है। मंगलवार को लगभग पांच टन फलों को एयरलिफ्ट किया गया।

यह चंद घंटों में मुंबई और दिल्ली जैसे विभिन्न शहरों के बाजारों तक पहुंचेंगे। चौधरी ने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर के फल उत्पादक सशक्त होंगे और उनकी आय में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। इस प्रयास से बागवानी विशेष रूप से चेरी, पल्मार, खुबानी जैसी जल्द खराब होने वाले फलों के लिए पेश आने वाली ट्रांसपोर्टेशन की दिक्कतें भी दूर होंगी। 

बागवानी कार्यालयों से संपर्क कर लाभ उठाएं बागवान 

हॉर्टिकल्चर विभाग के निदेशक एजाज अहमद भट ने कहा कि इस योजना के तहत विभाग सभी संभावितों को सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि विक्रेता अपने जिला बागवानी कार्यालयों से संपर्क कर सकते हैं। इस अनूठी योजना का लाभ उठा सकते हैं।

हाल ही में जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने निजी एयरलाइन कंपनी गो एयर के साथ श्रीनगर में एक एमओयू साइन किया था। इसके तहत गो एयर द्वारा श्रीनगर/जम्मू से मुंबई के लिए 34 रुपये प्रति किलो और श्रीनगर/जम्मू से दिल्ली के लिए 24 रुपये प्रति किलो के अलावा अन्य जगहों के लिए भी अच्छे रेट दिए थे। साथ ही दिल्ली और मुंबई के अलावा चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरू के लिए 47, 48 और 50 रुपये प्रति किलो रेट तय किया गया है।

एडवांस सेंटर फॉर हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट का उद्घाटन 

चौधरी ने राजबाग में एडवांस सेंटर फॉर हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र बागवानी विभाग की रीढ़ है। यहां किसानों और फल उत्पादकों के लिए आधुनिक वैज्ञानिक आधार पर उनके अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विदेशों से उच्च उपज देने वाली, कीमती और मूल्यवान विदेशी पौधों की सामग्री आयात की जाती है।

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Amar Ujala