कृषि कार्य के लिए छूट मिलने से किसानों को नहीं हुई दिक्कत

May 27 2021

जिले में कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद अब लोगों को राहत महसूस हो रही है। जल्द ही जिला प्रशासन द्वारा कुछेक दुकानों को फिर से प्रारंभ किए जाने आदेश जारी हो सकते हैं। इसे लेकर तैयारी की जा रही। बीते साल के कोरोना को देखा जाए तो इस बार के लाकडाउन व कोरोना काल में कृषि केक्षेत्र में कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। वर्तमान में कृषि कार्य जारी है।

इसकेअलावा भी पूर्व में जिला प्रशासन ने कृषि कार्य केलिए छूट दी थी। वर्तमान में समितियों में किसान खाद बीज लेने पहुंच रहे हैं। इस दौरान भीड़ ज्यादा होने के कारण संक्रमण का खतरा बरकरार है। इस पर प्रशासन को ध्यान देना जरूरी है। खरीफ सीजन 2021 के लिए सहकारी समितियों में खाद-बीज का भंडारण भी तेजी से कराया जा रहा है। किसानों द्वारा रासायनिक उर्वरकों का उठाव किया जा रहा है। समितियों से रासायनिक खाद का अपनी आवश्यकता केअनुरूप अग्रिम उठाव की अपील की है ताकि खरीफ सीजन के पीक समय में खाद के लिए सोसायटियों का च-र न लगाना पड़े। खाद का अग्रिम उठाव करने से सोसायटियों के गोदाम में स्थान रिक्त होगा और वहां की भंडारण क्षमता और मांग के अनुरूप रासायनिक खाद की आपूर्ति करने में आसानी होगी।

दस रुपये किलो की दर से मिलेगा वर्मी कंपोस्ट

राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा विष रहित खाद्यान्न उत्पादन केउद्देश्य से समितियों के माध्यम से किसानों को मात्र दस रुपये किलो की दर से वर्मी कंपोस्ट प्रदाय की जा रही है। वर्मी कंपोस्ट का निर्माण जिले के गोठानों में महिला स्वसहायता समूह द्वारा किया गया है। गौठानों में उच्च जैविक विशेषता वाली सुपर कंपोस्ट खाद भी तैयार की जा रही है। शासन ने किसानों को सुपर कंपोस्ट खाद मात्र छह रुपये किलो में सोसाइटियों के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सोसाइटियों में वर्मी कंपोस्ट के साथ-साथ सुपर कंपोस्ट खाद की आपूर्ति भी जल्द शुरू होगी।

इस साल गन्ने व धान की फसल ज्यादा

जिले में प्रमुख तौर पर गन्ना व धान की फसल ली जाती है। लेकिन इस वर्ष गन्ना का रकबा बढ़ सकता है। हालांकि धान का रबका एक लाख हेक्टेयर से अधिक रहेगा। इसके अलावा गन्ना का रकबा 30 हजार हेक्टेयर तक जा सकता है। बीते सीजन में गन्ना का रकबा 27 हजार हेक्टेयर के करीब था। खरीफ सीजन 2021 के लिए समितियों में विभिन्न प्रकार की फसलों के प्रमाणिक बीज का भंडारण भी मांग केअनुसार किया जा रहा है। अब तक समितियों में विभिन्न प्रकार के धान बीज सहित अन्य खरीफ फसलों के बीज का भंडारण किया जा चुका है, जिसका वितरण किसानों को उनकी डिमांड के आधार पर किया जा रहा है।

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Nai Dunia