किसानों को डीएपी का एक बैग 1200 रूपए में ही मिलेगा

May 21 2021

किसानों को अब  डीएपी का एक बैग 1200 रूपए में ही मिलेगा. डीएपी के लिए सब्सिडी दर 511 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1211 रुपये प्रति बोरी कर दी गयी है, यानी प्रति बोरी 700 रुपये की वृद्धि की गयी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि डीएपी पिछले वर्ष के 1200 रुपये प्रति बोरी के मूल्य पर ही  किसानों को उपलब्ध होता रहेगा। डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है। अन्य पी एंड के उर्वरकों की कीमत भी कम होकर पिछले वर्ष की कीमतों के आसपास हो जाएंगी। सरकार खरीफ सीजन में सब्सिडी के रूप में अतिरिक्त 14,775 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करेगी।

19 मई, 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुयी, जिसमें प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि पी एण्ड के उर्वरकों की कीमत में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी, और केंद्र सरकार कोविड के समय में किसानों की दिक्कतों को कम करने के लिए एकबारगी उपाय के तौर पर आगामी खरीफ सीजन के लिए मूल्य वृद्धि का सारा भार वहन करेगी।  उल्लेखनीय  है कि फॉस्फेटिक और पोटासिक (पी एंड के) उर्वरकों की कीमतें नियंत्रण से मुक्त हैं और निर्माता अपने उत्पाद की एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) तय करने के लिए स्वतंत्र हैं। हाल के महीनों में, डी-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और इसके कच्चे माल जैसे फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया और सल्फर जैसे तैयार उर्वरकों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में 60 से 70 प्रतिशत की भारी उछाल आयी है, जिसकी वजह से उनकी घरेलू कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। उर्वरक कंपनियों द्वारा डीएपी अप्रैल महीने में 1900 रुपये प्रति बोरी की बढ़ी हुई एमआरपी पर बेचे जाने की खबरें थीं, जो मार्च के महीने में मौजूदा कीमत से 700 रुपये प्रति बोरी की वृद्धि थी। इसी तरह, अन्य पी एंड के उर्वरकों की घरेलू कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुयी। उर्वरक खेती  के लिए बेहद अहम्  हैं इसलिए इन बढ़ी कीमतों की वजह से किसानों की दिक्कतें बढ़ रही थीं। इसे देखते हुए सरकार ने किसानों की कठिनाई को दूर करने के लिए एक त्वरित और सक्रिय कार्रवाई की।

केंद्रीय उर्वरक मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा ने आगामी खरीफ सीजन के लिए डीएपी और अन्य फॉस्फेटिक और पौटेशिक उर्वरकों के लिए सब्सिडी दरों को एकमुश्त बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला लेने के लिए प्रधानमंत्री का  आभार जताया। उन्होंने कहा कि इससे लाखों किसानों को काफी लाभ होगा।

केंद्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह  तोमर ने कहा कि किसानों को जब डीएपी का एक बैग 1200 रूपए में मिलता था, तब इसकी वास्तविक कीमत 1700 रू. होती थी, 500 रू. सरकार देती थी। एकाएक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि के भाव बढ़ने के कारणडीएपी की कीमत बढ़ी, जिससे एक बैग 2400 रू. का हो गया। ऐसे में यदि सरकार की ओर से 500 रू.प्रति बैग की ही सहायता मिलती होती तो किसानों को बैग 1900 रू. में पड़ता। इस पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि किसानों पर एक रूपए का भी बोझ नहीं आना चाहिए, इसलिए अब केंद्र सरकार द्वारा 140 प्रतिशत अधिक सब्सिडी के रूप में 700 रू.सहायता देते हुए कीमत1200 रू. ही रहने दी गई है।

 

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स्रोत: Krishak Jagat