इन देशों में जमीन में कपड़ा गाड़कर जांची जा रही मिट्टी की गुणवत्ता, जानिए कैसे पता चलती है उर्वरता

May 07 2021

किसानों के लिए मिट्टी की गुणवत्ता बेहद अहम होती है। दुनिया भर में मिट्टी की गुणवत्ता जांचने के कई तरीके हैं। पूरे विश्व में वैज्ञानिक और किसान मिट्टी की गुणवत्ता जांचने के लिए अलग-अलग प्रयोग करते हैं। कई विशेषज्ञ लैब में मिट्टी की जांच करते हैं, वहीं कुछ खेत में ही इसकी गुणवत्ता को जांचते हैं।

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में गुणवत्ता जांचने का अनूठा तरीका  

लेकिन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इसकी उर्वरता को जांचने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया गया है। इन देशों में किसान मिट्टी में सूती के कपड़ों को दबाकर मिट्टी की गुणवत्ता जांच रहे हैं। यह तरीका काफी हद तक सटीक पाय गया है। इस तरीके का राष्ट्रीय स्तर पर प्रयोग किया जा रहा है। 

ऐसे काम करता है यह तरीका 

सिटीजन साइंस प्रोजेक्ट के तहत किसानों को सूती कपड़े खेतों में गाड़ने के लिए दिए जा रहे हैं। सूती कपड़े के साथ उन्हें टी-बैग भी दिए जा रहे हैं, ताकि तुलना की जा सके कि दोनों में किसे कितना नुकसान हुआ है। किसान जब मिट्टी में कपड़े को गाड़ते हैं, तो उसके एक हफ्ते या महीने बाद से निकालकर देखा जाता है कि कपड़ा कितना नष्ट हुआ है। इसके बाद डिजिटल तरीके से किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि मिट्टी की गुणवत्ता कैसी है और यह कितनी उपजाऊ है। 

चीनी से बनता है सूत या कपास 

मालूम हो कि सूत या कपास एक तरह की चीनी से ही बना होता है। इसे सेल्यूलोज भी कहा जाता है। सूती कपड़ा जब लंबे समय तक जमीन के अंदर रहता है, तो वह बैक्टीरिया या रोगाणुओं के लिए भोजन का काम करता है। इस संदर्भ में स्कूल ऑफ एनवायरनमेंट साइंस के प्रोफेसर ओलिवर नॉक्स ने कहा कि, शुरुआत में हमने 50 किसानों को इस प्रयोग में शामिल किया था। और अब कई किसानों ने इस तरीके को अपनाया है।

 

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स्रोत: Amar Ujala