औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बड़ोह के छात्रों ने कबाड़ से धान थ्रेशिंग की मशीन तैयार की है। फिटर ट्रेड के छात्रों ने अनुदेशकों के साथ मिलकर एक महीने की मेहनत के बाद धान थ्रेशिंग मशीन को तैयार किया है। आईटीआई के छात्र रोजाना थ्रेशिंग मशीन के प्रोजेक्ट पर एक घंटा कार्य करते थे।
आईटीआई बड़ोह में फिटर ट्रेड के अनुदेशक के रूप में सेवाएं दे रहे अनुदेशक राजेश कुमार ने बताया कि इस मशीन को बनाने की प्रेरणा साथ लगते गांव में लगी एक अन्य मशीन से मिली। मशीन को बनाने के लिए छात्रों ने जीआई सीट, लोहे के बचे हुए स्क्रैप और एक बिजली की मोटर से तैयार किया गया है।
इस मशीन में 50 प्रतिशत से ज्यादा कबाड़ को प्रयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि इस तरह की मशीन बाजार में है, लेकिन धान थ्रेशिंग की यह मशीन छात्रों ने खुद अपने बलबूते तैयार की है। इसे बनाने में करीब 12 हजार रुपये का खर्च हुआ है। मशीन को लो वोल्टेज में भी चलाया जा सकता है।
फिटर ट्रेड के छात्रों ने 50 प्रतिशत कबाड़ से धान थ्रेशिंग की मशीन बनाई है। मशीन को बनाने में छात्रों ने एक माह का समय लिया है। इसके अलावा मशीन बनाने पर 12 हजार रुपये खर्च हुए हैं। - मोहिंद्र सिंह, प्रधानाचार्य, आईटीआई बड़ोह
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स्रोत: अमर उजाला