IFFCO ने किसानों को भेजी लिक्विड नैनो यूरिया की पहली खेप, जानिए फायदे

June 08 2021

इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए खास कदम उठाया है। दरअसल, इफको ने लिक्विड नैनो यूरिया की अपनी पहली खेप उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए भेज दी है। अब किसान लिक्विड नैनो यूरिया का उपयोग कर पाएंगे।

क्या है लिक्विड नैनो यूरिया

लिक्विड नैनो यूरिया एक नया उर्वरक है। इसे दुनिया में पहली बार गुजरात के कलोल स्थित नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में इफको की पेटेंटेड तकनीक से विकसित किया गया है। बता दें कि इसे इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी द्वारा 31 मई, 2021 को नई दिल्ली में आम सभा की बैठक में पेश किया था। इसकी पहली खेप को गुजरात के कलोल से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।

21वीं सदी का उत्पाद

इफको नैनो यूरिया 21वीं सदी का उत्पाद है जो कि मौजूदा समय की जरूरत है। इसके जरिए हम पर्यावरण, मिट्टी, हवा और पानी को स्वच्छ कर सकते हैं। इसके साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

नैनो यूरिया प्लांट के निर्माण का काम शुरू

जानकारी के लिए बता दें कि गुजरात के कलोल और उत्तर प्रदेश के आंवला और फूलपुर स्थित इफको के कारखानों में नैनो यूरिया प्लांट के निर्माण का काम पहले ही शुरू हो चुका है। इसके पहले चरण में 14 करोड़ बोतलों की वार्षिक उत्पादन क्षमता विकसित की गई है तो वहीं दूसरे चरण में वर्ष 2023 तक अतिरिक्त 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा। इस तरह वर्ष 2023 तक 32 करोड़ बोतल संभवतः 1.37 करोड़ मीट्रिक टन यूरिया की जगह ले लेंगे।

नैनो यूरिया नाम क्यों पड़ा

आपको बता दें कि इफको नैनो यूरिया के एक कण का आकार करीब 30 नैनोमीटर होता है। इस तरह सामान्य यूरिया की तुलना में आयतन अनुपात करीब 10 हजार गुना ज्यादा होता है। जब अपने अति-सूक्ष्म आकार और सतही विशेषताओं की वजह से नैनो यूरिया को पत्तियों पर छिड़का जाता है, तो इसे पौधों द्वारा आसानी से सोख लिया जाता है।

बता दें कि पौधों के जिन भागों में नाइट्रोजन की जरूरत है। ये कण वहां पहुंचकर संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करते हैं।

 

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स्रोत: Krishi Jagran