10 लाख किसानों को लाभ, 10 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद

June 01 2021

बागवानी क्षेत्र में इजाफा  करने व किसानों को ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए,केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने, मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने के अवसर पर  बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सी.डी.पी.) का शुभारंभ किया। राष्‍ट्रीय बागवानी बोर्ड इसे कार्यान्वित करेगा। ऊंची कीमत वाली बागवानी फसलों का आयात कम करने व जहां कहीं संभव हो, निर्यात बढ़ाने के उद्देश्‍य से, कृषि मंत्रालय ने देश में विभिन्‍न फसलों के लिए 53 बागवानी कलस्‍टरों की पहचान की है। इन में से, 12 कलस्‍टरों को इस शुरूआती तौर पर  चुना गया है। 5 से 7 वर्षों की अवधि में सभी 53 कलस्‍टरों में कार्यक्रम लागू किए जाने पर, कुल निर्यात लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्‍मीद है।

10 लाख किसानों को लाभ

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि सी.डी.पी. से 10 लाख किसानों को लाभ होगा, वहीं 10 हजार करोड़ रूपए का निवेश आएगा, जिसमें 6500 करोड़ रू. निजी क्षेत्र से आएगा। सी.डी.पी. का लक्ष्‍य पहचान किए गए बागवानी क्लस्टर को बढ़ावा देना- विकास करना है, ताकि उन्‍हें वैश्विक प्रतिस्‍पर्धा के योग्‍य बनाया जा सके। इसके माध्यम से उत्‍पादन एवं फसल-कटाई उपरांत प्रबंधन, लॉजिस्टिक्‍स, विपणन व ब्रांडिंग सहित बागवानी के  सभी मुख्य मुद्दों का समाधान किया जाएगा। श्री तोमर ने कहा कि भारत, विश्‍व में बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक देश है व विश्‍व के फल-सब्जियों का लगभग 12 प्रतिशत उत्‍पादन करता है। उन्होंने विश्‍व बागवानी व्‍यापार में भारत की हिस्‍सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

श्री तोमर ने कहा कि कोविड के दौरान कृषि क्षेत्र ने आपदा को अवसर में बदलते हुए खाद्य आपूर्ति को बनाए रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की है। अब हमारी कार्यशैली में बदलाव आया है, लोगों को प्रकृति के ज्यादा करीब आने का अवसर मिला है और खान-पान में हर्बल एवं औषधीय फसलों का उपयोग बढ़ा है।  औषधीय फसल- हल्‍दी, तुलसी, अदरक, गिलोय, लौंग, कालीमिर्च, दालचीनी आदि का उपयोग एवं मांग बढ़ी है। ऐसे में बागवानी क्षेत्र में अवसर और बढ़ गए हैं। कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल ने भी संबोधित किया। कृषि मंत्रालय के अपर सचिव डा. अभिलाक्ष लिखी,संयुक्त सचिव-बोर्ड के एमडी श्री राजबीर सिंह, एपीडा व क्लस्टर राज्यों /केंद्र शासित क्षेत्रों के वरिष्‍ठ अधिकारियों एवं राज्‍य बागवानी मिशनों के अधिकारी भी शामिल हुए।

प्रारंभिक 12 क्लस्टर

सेब -शोपियां (जम्‍मू-कश्‍मीर),किन्‍नौर (हिमाचल प्र.), आम-लखनऊ (उ. प्र.),कच्‍छ (गुजरात) एवं महबूबनगर (तेलंगाना), केला -अनंतपुर (आंध्र) एवं थेनी (तमिलनाडु), अंगूर -नासिक (महाराष्‍ट्र), अनानास -सिफाहीजाला (त्रिपुरा), अनार -शोलापुर (महाराष्‍ट्र) एवं चित्रदुर्ग (कर्नाटक) और हल्‍दी-वेस्‍ट जयंतिया हिल्‍स (मेघालय)।

 

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स्रोत: Krishak Jagat