ग्वालियर जिले के भितरवार इलाके में खरीफ सीजन की फसल धान की कटाई के बाद खाली हुए खेतों में और रवि सीजन की बोवनी का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। ऐसे में सूखे पड़े खेतों का पलेवा कराने के लिए किसानों को नहरों से पानी की आवश्यकता पड़ रही है। इसके चलते पिछले दिनों भितरवार विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं भारतीय जन सेवा संगठन के जिला संयोजक मोहन सिंह राठौड़ को क्षेत्र के किसानों ने पलेवा के लिए हरसी बांध से निकली नहरों से पानी दिलाए जाने की मांग की थी। क्षेत्र के किसानों की पानी की मांग को गंभीरता पूर्वक लेते हुए माेहन सिंह राठौर ने ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री एवं मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट को अवगत कराया और कहा कि जल्द से जल्द क्षेत्र के किसानों को पलेवा के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए नहीं तो फसल बुवाई के लिए समय निकल जाएगा ऐसे में फसल उत्पादन गिर जाएगा।
जब बर्बाद होता था पानी तब नहीं आई नहर की याद: हरसी मुख्य नहर कैनाल के द्वारा हरसी से लेकर डबरा, पिछोर आदि टेल पोर्शन के क्षेत्रों तक सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। लेकिन खरीफ सीजन के दौरान फर्जी मुख्य नहर कैनाल कई जगह क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसका मेंटेनेंस विभाग द्वारा नहीं कराया गया। अब जब रवि सीजन में पलेवा के लिए जब किसानों को पानी की आवश्यकता आन पडी तो विभाग को जगह-जगह टूटी फूटी पड़ी नहरों को दुरुस्त करने की याद आई। जिसके चलते विभाग द्वारा जेसीबी मशीनों की सहायता से जगह-जगह से क्षतिग्रस्त नहरों के कटों को बंद किया गया।
मेंटेनेंस के कारण नहीं छोड़ा पानी : शनिवार को हरसी मुख्य नहर कैनाल में पलेवा के लिए पानी छोडा जाना था वह मेंटेनेंस का कार्य पूरा ना हो पाने के कारण नहीं छोडा गया। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि रविवार दोपहर तक हरसी मुख्य नहर कैनाल में किसानों को पलेवा के लिए पानी छोड़ा जाएगा और टेल पोर्शन तक निर्बाध रूप से पानी पहुंच सकेगा।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: naidunia