बासमती चावल की खेती करने वाले किसान रखें इस बात का ध्यान, नहीं तो हो जाएगा बड़ा नुकसान

May 14 2021

वे सभी किसान जो बासमती की खेती कर उसे विदेशों में निर्यात करते हैं, उनके लिए यह खबर बेहद जरूरी है। किसान भाइयों को अब बासमती की चावल की खेती करते के दौरान कीटनाशकों के इस्तेमाल को लेकर भी सावधानी बरतनी होगी। बता दें कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और ईरान ने दो टूक कह दिया है कि अगर निर्धारित मात्रा के अतरिक्त कीटनाशक का इस्तेमाल बासमती में किया गया, तो उसका निर्यात नहीं हो पाएगा।

वहीं, इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन (BEDF) के प्रिंसिपल साइंटिस्ट रितेश ने कहा कि चावल में कीटनाशकों को अधिकतम सीमा 0.01 मिलिग्राम प्रतिकिलो तय की गई। अगर इससे अधिक मात्रा में कीटनाशक चावल में पाया गया, तो उसका निर्यात नहीं किया जा सकेगा, जिसके चलते किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है। रितेश ने कहा कि किसान भाई कीटनाशक का इस्तेमाल करते हुए थोड़ी एहतियात का प्रयोग करें।

अगर जरूत हो, तभी कीटनाशक का इस्तेमाल करें, जरूरत न होने पर इसका इस्तेमाल कतई न करें यह आपके फसल को नुकसान पहुंचा सकती है।

बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है भारत

यहां हम आपको बताते चले कि भारत बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। विश्व के तकरीबन 25 फीसद शेयर के साथ भारत बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत प्रतिवर्ष 30 हजार करोड़ से भी ज्यादा का बासमती चावल निर्यात करता है। दुनिया के 150 देश बासमती चावल के दिवाने हैं।

लिहाजा पूरे विश्व में इसकी अच्छी खासी मांग है। बासमती चावल भारतीय किसानों के लिए आय का बहुत बड़ा स्रोत है, जिन देशों ने इस तरह का फरमान जारी किया है, वे देश भी भारत के इस बासमती चावल के दिवाने हैं। यूरोप समेत मध्य एशिया के भी कई देशों में बामसती चावल का निर्यात किया जाता है, लिहाजा वर्तमान में जिस तरह का फरमान बासमती चावल के निर्यातकों के लिए आया है, उस पर ध्यान देने की जरूरत है अन्यथा भारतीय किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है।

 

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स्रोत: Krishi Jagran