देश में खाद्यान्न उत्पादन 3305 लाख टन होने का अनुमान

September 28 2023

केन्द्रीय कृषि विभाग ने रबी अभियान 2023-24 के लिए मंगलवार को एक राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया। केंद्रीय  कृषि सचिव मनोज आहूजा  के अनुसार 2022-23 सीजन के दौरान देश में खाद्यान्न का उत्पादन 3305 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2021-22 के दौरान खाद्यान्न के उत्पादन की तुलना में 149 लाख टन अधिक है। चावल, मक्का, चना, दलहन, रेपसीड और सरसों, तिलहन और गन्ना का रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है। 2022-23 के दौरान कुल दलहन और तिलहन उत्पादन क्रमशः रिकॉर्ड 275 और 410 लाख टन होने का अनुमान है।

कृषि सचिव ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में कुल खाद्यान्न उत्पादन 31 प्रतिशत बढ़कर 251.54 से 330.54 मिलियन टन हो गया है। वर्ष 2022-23 के लिए तिलहन और दलहन ने कृषि उत्पादों (समुद्री और वृक्षारोपण उत्पादों सहित) के निर्यात की समान रुझान का अनुसरण किया है, जो 53.145 बिलियन डॉलर को पार कर गया है। यह कृषि निर्यात के लिए अब तक का उच्चतम स्तर है। देश में ऐसी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अनुकूल हो। इसी तरह आवश्यकता के आधार पर फसलों के विविधिकरण को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

खाद्यान्न उत्पादन का राष्ट्रीय लक्ष्य 3320 लाख टन कृषि विभाग के मुताबिक वर्ष 2023-24 के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन का राष्ट्रीय लक्ष्य 3320 लाख टन निर्धारित किया गया है, रबी सीजन इसमें 1612 लाख टन का योगदान देगा। इसी प्रकार रबी फसलों का हिस्सा दलहन के लिए 292 लाख टन में से 181 और तिलहन के लिए 440 लाख टन में से 145 होगा। यह कार्यनीति अंतर-फसल और फसल विविधीकरण के माध्यम से क्षेत्र को बढ़ाने और एचवाईवी की शुरुआत तथा कम उपज वाले क्षेत्रों में उपयुक्त कृषि पद्धतियों को अपनाने के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने की होगी।

सरसों के उत्पादन मे हुई 37 प्रतिशत वृध्दि

पिछले 3 वर्षों में सरसों का उत्पादन 37 प्रतिशत बढ़कर 91.24 से 124.94 लाख टन हो गया है। उत्पादकता 7 प्रतिशत बढ़कर 1331 से 1419 किलोग्राम/हेक्टेयर हो गई। रेपसीड और सरसों का क्षेत्रफल 2019-20 में 68.56 से 28 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में 88.06 लाख हेक्टेयर हो गया। सरसों का उत्पादन बढ़ने से पाम और सूरजमुखी तेल के आयात में आ रहे कुछ संकट से निपटने में मदद मिल रही है।

5 वर्षों में आयात पर निर्भरता कम होगी

केंद्रीय संयुक्त सचिव (फसल एवं तिलहन) श्रीमती शुभा ठाकुर ने अगले 5 वर्षों के लिए दलहन और तिलहन के लिए विजन प्रस्तुत किया। दलहन के लिए, 2025 तक 325.47 लाख टन का लक्ष्य हासिल करने का प्रस्ताव है। अंतरवर्तीय खेती , चावल की परती भूमि को शामिल करना, उच्च क्षमता वाले जिलों और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में विस्तार जैसी विशेष परियोजनाएं तिलहन के तहत अतिरिक्त क्षेत्र लाएंगी। इससे 2025-26 के अंत तक वार्षिक खाद्य तिलहन का घरेलू उत्पादन 362 के वर्तमान स्तर से बढ़कर 541 लाख टन और खाद्य तेल उत्पादन 85 से बढ़कर 136 लाख टन हो जाएगा। नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने से अगले 5 वर्षों में आयात निर्भरता को 56 प्रतिशत से कम करके 36 प्रतिशत करने में मदद मिलेगी।

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स्रोत: कृषक जगत