कृषि विभाग के पास न बीज, न बाजार के दामों पर अंकुश लगाने की नीति

June 09 2021

कुछ ही दिनों में मानसून की आमद होते ही खेतों में खरीफ सीजन की बोवनी शुरू हो जाएगी लेकिन बोवनी से पहले किसानों को बीज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। अब तक जिले की सरकारी सोसायटियों पर सोयाबीन बीज नहीं पहुंचा है। इसी का फायदा ओपन बाजार में व्यवसायी उठा रहे है। बाजार में 10 हजार रुपये क्विंटल तक सोयाबीन बीज के दाम वसूले जा रहे है। सरकारी स्तर पर बीज नहीं मिलने से परेशान किसान बाजार से महंगे दाम पर बीज खरीदने पर मजबूर हैं। बाजार में दाम लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन कृषि विभाग इसको लेकर कार्रवाई भी नहीं कर सकता है, क्योंकि बीज के दाम पर अंकुश लगाने के लिए विभाग के पास कोई नीति भी नहीं है। ऐसे में अब जैसे-जैसे बोवनी का समय नजदीक आएगा, दामों में और बढ़ोतरी होना संभव है। किसानों का कहना है कि शासन को सोसायटियों के माध्यम से किसानों को बीज उपलब्ध करवाना चाहिए। पहले से ही परेशान किसानों को बोवनी से पहले महंगाई की मार झेलना पड़ रही है।

जिले में इस साल कृषि विभाग ने 3.29 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की बोवनी का लक्ष्‌य निर्धारित किया है। इसमें सर्वाधिक 2.67 लाख हेक्टेयर भूमि पर सोयाबीन की बोवनी होगी। इतने क्षेत्र में बोवनी के लिए विभाग ने 40 हजार क्विंटल सोयाबीन बीज का लक्ष्‌य तय किया। लेकिन जिले में बीज निगम, बीज उत्पादक संस्था और निजी बीज उत्पादक संस्था के पास मिलाकर कुल 13 हजार 852 क्विंटल बीज ही है। शेष बीज ओपन बाजार से ही किसानों को खरीदना होगा। बीज का टोटा होने के कारण अब तक सहकारी सोसायटियों में बीज नहीं पहुंचा है, वहीं मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 15 जून के बाद जिले में मानसून की बारिश होते ही इसी माह बोवनी शुरू हो सकती है। ऐसे में किसानों को बीज की बहुत आवश्यकता है। किसानों से बीज के प्रायवेट में अधिक दाम नहीं वसूले जाएं, इसके लिए शासन ने साढ़े सात हजार रुपये प्रति क्विटंल के दाम निर्धारित किए हैं। लेकिन दामों पर निगरानी रखने के लिए कृषि विभाग के पास कोई अधिकार नहीं होने की बात अधिकारी कह रहे हैं। नईदुनिया टीम ने मंगलवार को खाद-बीज विक्रेता दुकानदार से चर्चा की। दुकानदार के मुताबिक बीज 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। बीज भी आसपास के क्षेत्रों से ही पहुंच रहा है लेकिन नीति नहीं होने के कारण अधिकारी अब तक दामों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।

सोसायटियों में सोयाबीन बीज नही मिल रहा है। किसान मजबूरी में अब बाजार से ही अधिक दाम 9-10 हजार तक में बीज खरीद रहे हैं। अगर समय रहते यही बीज सब्सिडी में समितियों से मिल जाता तो किसानो पर आर्थिक बोझ नही पड़ेगा। प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर बीज उपलब्ध करवाना चाहिए- रमेशचंद्र पाटीदार, किसान

पिछले वर्ष सोयाबीन की पैदावार ठीक से नहीं हो पाई थी, इसके कारण किसानों के पास बीज नहीं निकल पाया है। सहकारी समितियों में अब तक सोयाबीन बीज नहीं आया है। पहले ही किसानों पर दिन पर दिन महंगाई की मार पड़ती जा रही है। इसके बावजूद सरकार किसानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई दे रही है। सरकार को सोसायटियो के माध्यम से बीज उपलब्ध करवाना चाहिए- नंदकिशोर पाटीदार, किसान

जिले में कुल 3.29 लाख हैक्टेयर भूमि पर बोवनी होगी। इसमें सर्वाधिक 2.67 लाख हेक्टेयर पर सोयाबीन की बोवनी होगी। इसके लिए 40 हजार क्विंटल बीज का लक्ष्‌य है। बीज निगम, बीज उत्पादक संस्था और निजी बीज उत्पादक संस्था के पास करीब 14 हजार क्विंटल बीज है। बाकी ओपन बाजार एवं किसानों के पास ही पूर्ति होगी। हम खाद-बीज की गुणवत्ता जांच रहे हैं। बीज के दाम को लेकर हमें अधिकार नहीं है- डा. अजीतसिंह राठौर, उप संचालक कृषि विभाग, मंदसौर

 

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स्रोत: Nai Dunia