फसल ऋण योजना: किसानों को बिना ब्याज मिलेगा कृषि लोन, जानें कौन-सा बैंक देगा सुविधा

April 21 2020

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को एक बड़ी राहत दी है. राज्य के किसानों को वित्त वर्ष 2020-21 में बिना ब्याज के ही फसल ऋण दिया जाएगा. सरकार का कहना है कि किसान पहले ही मौसम की मार झेल रहा है, तो वहीं कोरोना संकट की वजह से उनका और भी नुकसान हो रही है.

बिना ब्याज दर पर कृषि लोन

आपको बता दें कि क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को 3 लाख का लोन 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाता है. इस लोन को 1 साल के अंदर चुकाना पड़ता है, जिसपर किसानों को 4 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिलती है. किसान किसी भी राष्ट्रीय और निजी बैंक से यह लोन प्राप्त कर सकता है. इसी तरह राज्य सरकारें भी कृषि संबंधी कार्यों के लिए कृषि लोन की सुविधा उपलब्ध कराती हैं. इस कृषि लोन को राज्य सरकार के सहकारी बैंक से प्राप्त किया जा सकता है. इस योजना को फसल ऋण कहा जाता है. खास बात है कि किसानों को इस लोन पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने भी किसानों के हित में फैसला लिया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में किसानों को बिना ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से किसानों को सहाकरी बैंक से फसली ऋण मिलता रहा है. इसको वित्त वर्ष में भी जारी रखा जाएगा. बता दें कि यह योजना राजस्थान सरकार ने भी लागू कर रखी है.

समय पर लोन नहीं देने पर 14 प्रतिशत ब्याज

किसानों को रबी फसल और खरीफ़ के लिए अलग-अलग फसल ऋण दिया जाता है, जो कि भूमि के आधार पर मिलता है. इसकी आदायगी की अधिकतम सीमा 6 महीने की होती है. अगर रबी फसल के लिए लोन लिया है, तो इस लोन को 28 मार्च तक चुकाना पड़ता है. अगर किसान तय तारीख पर लोन तक लौटा देता है, लोन पर शून्य प्रतिशत का ब्याज लगता है. मगर किसान तय तारीख पर लोन नहीं चुका पाया, तो उसे 14 प्रतिशत ब्याज देना होता है.

इस साल बढ़ी लोन चुकाने की अवधि

देशभर में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन चल रहा है. इस कारण किसान रबी फसलों को बेच भी नहीं पा रहा है, इसलिए वह लोन भी चुकाने में सक्षम नहीं है. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ने फसली ऋण चुकाने की अवधि बढ़ा दी है. अब किसान 31 मई 2020 तक फसली ऋण चुका सकता है, जो कि पहले 28 मार्च तक चुकाना था. राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों को काफी रहत मिली है.  


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स्रोत: कृषि जागरण