प्याज,आलू और टमाटर की होगी अच्छी पैदावार, महंगाई से मिलेगी राहत

February 01 2020

पिछले साल महंगाई ने घर की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया था. सब्जी मंडी में प्याज, आलू, टमाटर की महंगाई ने लोगों की जेब खाली कर दी थी. सब्जियों की महंगाई की रेस में सबसे आगे प्याज थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस साल महंगाई जनता के आंसू नहीं निकालेगी. सभी जानते हैं कि मंहगाई का मुख्य कारण देश में कहीं अधिक बारिश, तो कहीं कम बारिश होने से सूखा पड़ना है. इस वजह से किसानों की फसलें सबसे ज़्यादा बर्बाद होती हैं. इसी के चलते कृषि, सहकारिता और किसान कल्‍याण विभाग ने विभिन्‍न बागवानी फसलों के क्षेत्रफल और उत्‍पादन के बारे में 2018-19 के अंतिम आकलन और 2019-20 के प्रथम अग्रिम आकलन जारी किए हैं. यह आकलन विभिन्‍न राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों और अन्‍य स्रोत एजेंसियों की मदद से तैयार किए गए हैं.

खास बात है कि इस साल प्याज, आलू और टमाटर की अच्छी पैदावार होगी, जिससे सब्जियों का उत्पादन बढ़ने का अनुमान है, लेकिन इस साल फलों का उत्पादन भी घट सकता है. जानकारी मिली है कि देश में पिछले साल की तुलना में इस साल बागवानी फसलों का कुल उत्पादन 0.84 प्रतिशत बढ़ सकता है. अनुमान है कि सब्जियों, सुगंधित और औषधीय उत्पादों का उत्पादन बढ़ सकता है, जबकि फलों का उत्पादन घटने की उम्मीद है. 

रिपोटर्स के मुताबिक, साल 2019 में सब्जियों का कुल रकबा लगभग 100.73 लाख हेक्टेयर था, जो इस साल बढ़कर लगभग 102.92 लाख हेक्टेयर हो सकता है. इससे सब्जियों का कुल उत्पादन पिछले साल के लगभग 18.32 करोड़ टन से बढ़कर लगभग 18.80 करोड़ टन होने की उम्मीद जताई जा रही है. 

इस वजह से दिसंबर में बढ़ी थी महंगाई

पिछले साल आलू का उत्पादन 501.9 लाख टन था, जो इस साल 3.49 प्रतिशत बढ़कर 519.4 लाख टन हो सकता है. गौरतलब है कि प्याज, टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में इज़ाफ़ा होने की वजह से  दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में उछाल आया है. इसके अलावा पेट्रोल-डीज़ल के दामों में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है.

कितना होगा प्याज का उत्पादन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल 244.5 लाख टन प्याज का उत्पादन हो सकता है, जो 2018-2019 में 228.2 लाख टन था. इसके अलावा इस साल टमाटर का उत्पादन 193.3 लाख टन हो सकता है, जो पिछले साल 190.01 लाख टन की तुलना में 1.68 प्रतिशत अधिक है.

कितना होगा फलों का उत्पादन

अगर फल उत्पादन की बात करें,  तो फलों का कुल रकबा 65.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 66.60 लाख हेक्टेयर हो सकता है, लेकिन फलों का उत्पादन 2018-19 में 9.79 करोड़ टन था. इस तरह फल उत्पादन में 2.27 प्रतिशत की कमी आ सकती है.  बता दें कि फलों में मुख्य रूप से अंगूर, केला, आम, नीबू संतरा, पपीता और अनार का उत्पादन घटने की उम्मीद है. इसके अलावा पिछले साल मसालों का कुल रकबा 254.30 लाख हेक्टेयर था, जो बढ़कर 256.11 लाख हेक्टेयर हो सकता है.  


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स्रोत: कृषि जागरण