पांच नए कृषि कॉलेजों के रास्ते बढ़ेगा खेती-बाड़ी में नवाचार

January 02 2020

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत पांच नए कृषि कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को नव वर्ष 2020 में नये कैंपस की सौगात मिलेगी। कृषि कॉलेजों के कैंपस, लैब की तैयारी अंतिम चरण में है। इससे कृषि छात्रों को अन्य जिलों में भटकना नहीं पड़ेगा। वहीं पांच नए कृषि कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती के साथ नियमित पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही खेती-बाड़ी में नवाचार बढ़ेगा। कृषि कॉलेजों के आसपास संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों में रिसर्च को भी बढ़ावा मिलेगा। रिसर्च शुरू होने से जिले के उन्नत किसान नई तकनीक को अपनाएंगे।

दिक्कतें हो जाएंगी दूर

वर्ष 2018 के कृषि बजट में कांकेर, राजनंदगांव, कोरिया, कवर्धा सहित बेमेतरा जिले में नए कृषि कॉलेज शुरू करने की घोषणा तत्कालीन सरकार ने की थी। नए सत्र से आसपास के जिले में पढ़ाई तो शुरू कर दी गई, लेकिन स्वयं का भवन नहीं होने से छात्रों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। एक्रीडिटेशन टीम ने भी मूल्यांकन के दौरान फैकल्टी, भवन के अभाव को लेकर विवि के कुलपति को फटकार लगाई थी।

गृह क्षेत्र में रहकर पढ़ाई की मिलेगी सुविधा

इंदिरा गांधी कृषि विवि के अंतर्गत शुरू हुए पांच नए कृषि कॉलेजों में भवन, लैब तैयार होने से गृह क्षेत्र में ही रहकर छात्रों को पढ़ाई करने की सुविधा होगी। पांच कृषि कॉलेज में लगभग 200 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, ये सभी किसानी के साथ नवाचार से जुड़ेंगे।

जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा

कृषि विवि में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए जिले के सभी कृषि विज्ञान केंद्र में पांच एकड़ जमीन चिन्हांकित की गई है। नवाचार खेती में खासकर उच्च कीमत वाली फसल पर रिसर्च के अलावा पैदावार की जाएगी।

वर्सन

स्वयं के भवन में कॉलेज शुरू होने से पढ़ाई कर रहे छात्र कृषि में नवाचार के प्रति अधिक जुड़ेंगे।

डॉ. संजय पाटील, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विवि

 

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स्रोत: नई दुनिया