पंजाब-हरियाणा में बढ़ रही हैं पराली जलाने की घटनाएं, नासा ने जारी की ताजा तस्वीरें

October 30 2019

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता दिन पर दिन खराब होती जा रही है. प्रदूषण मापने वाली एजेंसियों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की एक सबसे बड़ी वजह पंजाब और आसपास के राज्यों में जलाई जाने वाली पराली है. इन एजेंसियों का यह दावा अब नासा द्वारा लिए गए ताजा फोटो से साबित भी होता है. नासा ने दिल्ली से लगे कुछ राज्यों की सेटेलाइट फोटो जारी की. इन फोटो में रेड स्पॉट खेतों में पड़े पराली में लगाई गई आग को दर्शाती है. नासा का कहना है कि बीते कुछ दिनों में पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतीर हुई है. और यही वजह है कि दिल्ली और आसपास के राज्यों में प्रदूषण का स्तर पहले से और खराब हो रहा है. इन सब के बीच दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही है.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट कर कहा कि मैं पंजाब और हरियाणा की सरकार से हाथ जोड़कर प्राथना करता हूं कि वह दिल्ली को गैस चेंबर बनने से रोकने के लिए कोई सख्त कदम उठाएं. हम अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रहे हैं और यह प्रयास आगे भी जारी रहेंगे. दिल्ली सरकार ने नासा द्वारा जीरी फोटो का हवाला देते हुए कहा कि इन तस्वीरों में साफ तौर पर दिख रहा है कि पराली जलाने की घटनाएं पहले से कम होने की जगह दिन पर दिन बढ़ रही हैं. 

वहीं, दीवाली की रात फोड़े गए पटाखों ने दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता को तेजी से खराब करने में जबरदस्त भूमिका निभाई है. सेंटर फॉर साइंस ऐंड इनवायरोन्मेंट (सीएसई) की एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह दावा किया गया. दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के मद्देनजर शहर की सरकार ने अगले हफ्ते से यहां के स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों में मुफ्त मास्क बांटने की घोषणा की है. साथ ही, सम-विषम योजना भी प्रभावी की जाएगी.  दीवाली की रात पटाखे फोड़े जाने के लिये रात आठ बजे से रात 10 बजे तक दो घंटे का समय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित किये जाने के बावजूद लोगों ने शाम से लेकर देर रात तक पटाखे जलाये.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 की तुलना में 2019 में दिवाली से पहले हवा काफी अधिक स्वच्छ थी जिससे जाहिर होता है कि दिवाली की रात प्रदूषण के स्तर में हुई वृद्धि में पटाखों ने जबरदस्त भूमिका निभाई. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहर में बहुत स्वच्छ वातावरण था लेकिन रात (दिवाली की) 10 बजे के बाद प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया. पटाखों के कारण शाम पांच बजे से रात एक बजे के बीच पीएम (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण) 2.5 में 10 गुना वृद्धि हो गई. मंगलवार को दिल्ली के आसमान में धुंध की स्थिति रही. इस वजह से सूरज का प्रकाश भी कम मात्रा में धरती पर आया. दरअसल,वायु गुणवत्ता दिल्ली और इससे लगे शहरों में गिर कर गंभीर श्रेणी में चली गई.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रात आठ बजे शहर की हवा की गुणवत्ता (वायु गुणवत्ता) 414 थी, जबकि सोमवार रात आठ बजे यह 397 थी. राष्ट्रीय राजधानी के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों पर 26 में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई. आनंद विहार (464) सर्वाधिक प्रदूषित रहा. इसके बाद वजीरपुर (430)का स्थान रहा. एनसीआर के गाजियाबाद में 465, ग्रेटर नोएडा में 440 और नोएडा में यह 450 रहा. दिल्ली सरकार ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा में पिछले 24 घंटों में खेतों में पराली या फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं और राष्ट्रीय राजधानी के वायु प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी इस साल के शीर्ष पर जा सकती है.  

 

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स्रोत: NDTV इंडिया