पंजाब में किसानों के घर जाकर फसल खरीदने की तैयारी, 22936 करोड़ रुपये सीसीएल मंजूर

April 06 2020

कोरोना संकट का मुकाबला करने में व्यस्त पंजाब सरकार इस बार रबी खरीद सीजन के दौरान मंडियों में भीड़भाड़ की स्थिति रोकने को गांवों में जाकर गेहूं खरीदने की तैयारी कर रही है। इनमें उन गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी जो मंडियों से 1-2 किमी की दूरी पर स्थित हैं। 

मुख्यमंत्री शुक्रवार को राज्य के कृषि एवं खाद्य विभागों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हालात की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने गांवों में किसानों तक पहुंच बनाकर गेहूं की खरीद करने का तरीका ढूंढने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मुख्य सचिव के गेहूं घरों से खरीदकर लाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार हैं। अगर वह इस संबंध में व्यापक रूप में काम करें। 

मुख्य सचिव ने दिया यह सुझाव

मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि राज्य में 50 प्रतिशत के करीब गांव मंडियों के साथ लगते हैं और वहां के किसानों को मंडी में जाने के लिए तय अवधि के लिए थोड़ी संख्या में कर्फ्यू पास जारी किये जा सकते हैं। मंडियों से दूर गांवों में उन्होंने खरीद के लिए मुलाजिमों को भेजने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि आढ़ती जो मौजूदा समय में मंडियों में फसल का प्रबंध कर रहे हैं, को इन गांवों में इस काम का जिम्मा सौंपा जाए।

मंत्रिमंडल की बैठक में होगी खरीद प्रबंधों की समीक्षा

सीएम ने खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ खरीद की अवधि में भी विस्तार के आदेश दिए ताकि यह निश्चित किया जा सके कि मंडियों में किसानों की भीड़ एकत्रित न हो। उन्होंने कहा कि शनिवार को मंत्रिमंडल की मीटिंग के दौरान इन प्रबंधों की फिर से समीक्षा की जाएगी। 

यह किए गए फसल खरीद के प्रबंध

अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास विसवाजीत खन्ना ने बताया कि इस साल कुल 1.8 लाख टन गेहूं मंडियों में आने की उम्मीद है। कंबाइनों को 15 अप्रैल के बाद खेतों में चलने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जूट मिलों को 6 अप्रैल तक बंद रखने के आदेश दिए हैं और यह न खुलने पर बोरियों की कमी पीपी थैलों से पूरी की जाएगी, जिनका उत्पादन किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि खरीद सीजन में 5 लाख बोरियों की जरूरत है, जिनमें से अब 2.5 लाख बोरियां हासिल हुई हैं। तिरपालों और जाल के लिए ऑर्डर दे दिए गए हैं। लकड़ी के 6 लाख बक्सों का बंदोबस्त भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मजदूरों और ट्रांसपोर्ट के ठेके का काम मुकम्मल कर लिया गया और भंडारण के लिए जगह भी निर्धारित कर ली है। 

आढ़ती के जरिये ही होगी किसानों को अदायगी

खाद्य एवं सिविल सप्लाई के प्रमुख सचिव केएपी सिन्हा ने बताया कि इस सीजन से किसानों को सीधी अदायगी की इस पर कैप्टन ने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार को निर्देश दिए कि किसानों को आढ़तियों के द्वारा फसल की अदायगी करने के लिए नियमों में संशोधन किया जाए और मौजूदा हालात को देखते हुए फिलहाल सीधे बैंक ट्रांसफर (डीबीटी) की प्रणाली को टाल दिया जाए। 

पंजाब के लिए 22936 करोड़ रुपये सीसीएल मंजूर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पंजाब सरकार की ओर से किए गए अनुरोध पर अप्रैल 2020 की नकद कर्ज हद (सीसीएल) के लिए 22,936 करोड़ रुपये मंजूर कर लिए गए हैं। सीएम ने केंद्र को पत्र लिखकर 26064 करोड़ रुपये सीसीएल की मांग की थी।

जिलों के लिए 53.43 करोड़ रुपये जारी 

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोविड-19 संकट के चलते किसी भी स्थिति से निपटने लिए राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों के खर्चे के लिए 53.43 करोड़ रुपये अलग से रखे हैं और यह राशि सभी जिलों को जारी कर दी गई है। यह राशि राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी की गई है और इसे राज्य आपदा प्रतिक्रिया फंड के तौर पर खर्च किया जाएगा। 

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि श्री मुक्तसर साहिब को 6.75 करोड़, अमृतसर को 6 करोड़, लुधियाना जिले को 5 करोड़, होशियारपुर को 5 करोड़, फरीदकोट को 3.5 करोड़, जालंधर और संगरूर को 3-3 करोड़, पटियाला को 2.5 करोड़, एसएएस नगर को 2.18 करोड़, मोगा को 1.90 करोड़, शहीद भगत सिंह नगर को 1.60 करोड़, तरनतारन, गुरदासपुर, रूपनगर और फाजिल्का को 1.5-1.5 करोड़, फिरोजपुर, पठानकोट और बरनाला को 1.25-1.25 करोड़, कपूरथला और बठिंडा को 1-1 करोड़, मानसा को 75 लाख और फतेहगढ़ साहिब को 50 लाख रुपये जारी किए गए हैं।


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स्रोत: अमर उजाला