नकली दवाओं की वजह से बिगड़ा आम का कारोबार, निर्यात में 20 फीसदी की कमी

May 20 2019

पिछले कुछ सालों में आम के काराेबार में कमी आई है। दशहरी आमों के लिए देश और दुनियाभर में मशहूर मलिहाबाद-काकाेरी इलाके में इस बार आम की फसल अगमना बौर (समय से पहले) खराब मौसम और नकली दवाओं की वजह से आधे से ज्यादा सड़ चुकी है। इस वजह से आम का कारोबार प्रभावित हुआ है। मलिहाबाद के आम कारोबारी और नफीस नर्सरी के प्रोपराइटर शबीहुल हसन ने मनी भास्कर को बताया ‘पिछले तीन-चार सालों से बाजार में नकली दवाओं का प्रचलन बढ़ा है जिससे क्वालिटी पर असर पड़ रहा है। इस वजह से कारोबार में मंदी आई है।’ बता दें कि अगमना बौर की वजह से फलों की ग्रोथ में कमी हो जाती है, वहीं पिछमना बौर (समय पर या बाद में लगने वाली) की वजह से आम की ग्रोथ अच्छी होती है।

निर्यात में 20 फीसदी तक की कमी

बागवानों की मुताबिक, इन दिनों दशहरी पर छाए इस संकट का असर न केवल घरेलू मार्केट बल्कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट पर भी पड़ा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल आम के निर्यात में 20 फीसदी तक की कमी आई है। वहीं एक आम निर्यातक अहमद का कहना है कि पिछले दो वर्षों से आम का कारोबार सालाना 2,400 से 2,500 करोड़ रुपए तक हो रहा था जो इस बार घटकर 600 से 800 करोड़ रुपए के बीच ही रह सकता है। पिछले दो वर्षों से काकोरी, मलिहाबाद में 35 से 40 लाख टन दशहरी का उत्पादन हो रहा है। इस बार इसके और भी कम होने की उम्मीद है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में मलिहाबाद क्षेत्र के 27,000 हेक्टेयर में दशहरी की उपज होती है।

सरकार से की नकली दवाओं को बैन करने की मांग

शबीहुल ने बताया ‘आम कारोबारियों की सरकार से यही मांग है कि बाजार में नकली दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी जाए। साथ ही सरकार को अपनी एजेंसी के माध्यम से दवाओं की खरीदारी को भी शुरू करनी चाहिए। इससे न तो हमारी फसल बर्बाद होगी न ही कारोबार।’

यह है कीमत

दशहरे आम की कीमत की बात करें तो घरेलू मार्केट में यह 30 से 35 रुपए किलो है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसकी कीमत 50-55 रुपए प्रति किलो होती है। यह आम सउदी अरब, कतर, दुबई समेत अन्य देशों में निर्यात किया जाता है।

 

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स्रोत: भास्कर