इंडिया पल्सेज एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) ने देश में पर्याप्त मात्रा में विभिन्न प्रकार की दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इन्हें आयात को कर मुक्त करने की मांग की है।
एसोसिएशन के चेयरमैन जीतू भेदा और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप घेरपदे ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार की नीतियों के कारण पिछले कुछ वर्षो के दौरान देश में दलहनों की पैदावार में भारी वृद्धि हुई है और इसका आयात काफी कम हुआ है। इस वर्ष 230 लाख टन दलहनों के उत्पादन होगा जबकि मांग 260 लाख टन की है। ऐसे में 30 लाख टन दालों का आयात किया जाएगा।
देश में पीली मटर की दाल की भी भारी मांग है
उन्होंने कहा कि किसानों को दलहनों का बेहतर मूल्य मिले इसके लिए सरकार ने दालों की आयात सीमा निर्धारित कर दी है जिसके कारण अधिक मात्रा में किसी खास प्रकार की दालों का आयात नहीं किया जा सकेता। देश में हरी मटर की सालों भर मांग रहती है लेकिन इसके आयात पर जिनते तरह का कर है उससे एक किलो आयातित हरे मटर का मूल्य 300 रुपए होगा। इसी प्रकार से देश में पीली मटर की दाल की भी भारी मांग है लेकिन चने के उत्पादन में वृद्धि के कारण पीली मटर दाल के आयात सीमा पर रोक है ।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: मनी भास्कर