सरकार डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के दूसरे चरण के तहत किसानों को खाद सब्सिडी सीधे उनके खाते में देने पर विचार कर रही है। खाद मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अक्टूबर 2017 में खाद डीबीटी का पहला चरण शुरू किया गया था। तब से प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के जरिए दर्ज खुदरा बिक्री के आंकड़ों की जांच के बाद कंपनियों को सब्सिडी ट्रांसफर की जा रही है।
इस पर एक अधिकारी ने कहा, देश में 2.25 लाख खाद खुदरा विक्रेता हैं। पीओएस मशीनों को खत्म नहीं किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि लैपटॉप या डेस्कटॉप देने से व्यापार करने में आसानी होगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 74,000 करोड़ रुपए की खाद सब्सिडी का भुगतान किया। चालू वित्त वर्ष 2019-20 में खाद सब्सिडी का भुगतान करने के लिए लगभग 78,000 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
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स्रोत: कृषक जगत