ट्यूबवेल का बकाया बिजली बिल किस्तों में चुका सकेंगे किसान, नई योजना आज से

February 01 2020

प्रदेश के किसान अपने ट्यूबवेल का बकाया बिजली बिल किस्तों में चुका सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ऊर्जा विभाग ने ब्याजमाफी के साथ किसान आसान किस्त योजना लागू करने का फैसला किया है। यह योजना 1 फरवरी से लागू होगी। योजना का लाभ लेने वाले किसानों का 31 जनवरी 2020 तक बकाये पर ब्याज माफ किया जाएगा। किसानों को छह आसान किस्तों में बकाया भुगतान करना होगा।

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि योजना का लाभ लेने वाले ट्यूबवेल उपभोक्ता 1 फरवरी से 29 फरवरी के बीच अपने नजदीकी सीएससी, उपखंड अधिकारी या अधिशासी अभियंता कार्यालय में बकाये का पांच फीसदी या न्यूनतम 1500 रुपये के साथ  वर्तमान बिल जमा करके पंजीकरण करा सकेंगे। इसके बाद उन्हें छह किस्त में बकाये के भुगतान का विकल्प मिल जाएगा। 

उपभोक्ता को हर महीने किस्त के साथ उस महीने का बिल भी जमा करना होगा। सभी बकाये का समय से भुगतान करने पर किसान का ब्याज माफ  कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं को बकाया वसूली के लिए नोटिस भेजा जा चुका है वह भी योजना का लाभ ले सकते हैं। न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों वाले वादी भी योजना के तहत लाभ उठा सकेंगे। उन्हें इसके लिए शपथपत्र जमा करना होगा कि अंतिम निर्धारण के बाद वह समस्त बिलों का भुगतान करेंगे। योजना के तहत बिल संशोधन की भी सुविधा दी जाएगी। इस योजना का लाभ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जो नियमित समय पर अपने बिजली बिल का भुगतान करेंगे।

आसान किस्त योजना 29 फरवरी तक बढ़ी

प्रदेश में पहले से चल रही चार किलोवाट विद्युत भार तक के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए आसान किस्त योजना की अवधि 29 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। आसान किस्त योजना की अवधि 31 जनवरी को समाप्त हो रही थी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेश के लगभग 20 लाख उपभोक्ताओं ने आसान किस्त योजना का लाभ उठाया है।

इस योजना के अंतर्गत चार किलोवाट भार तक के घरेलू उपभोक्ता बकाया मूल धनराशि का पांच प्रतिशत (न्यूनतम 1500 रुपये) जमा कर पंजीकरण करा सकते हैं। शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता बकाया राशि 12 आसान किस्तों तथा ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता 24 आसान किस्तों में जमा कर सकते हैं। इस योजना में उपभोक्ता को 31 अक्तूबर 2019 तक के बकाये पर सरचार्ज में छूट दी जाएगी।


इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: अमर उजाला