जलवायु परिवर्तन से बदला टिड्डियों का व्यवहार, किसानों पर आई बड़ी आफत

January 04 2020

जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर खेती और किसान (Farming and farmers) पर पड़ रहा है. ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ते उत्सर्जन ने जहां पर्यावरण (Environment) को भारी नुकसान पहुंचाया है वहीं खेती और किसान के सामने चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. जलवायु परिवर्तन से जीव जंतुओं का व्यवहार बदल रहा है. पश्चिमी राजस्थान  में भरी सर्दियों में भी टिड्डियों के प्रकोप (Locust outbreak) को जलवायु परिवर्तन का ही कारण माना जा रहा है.

आठ राज्यों के कृषि वैज्ञानिक जुटे

जलवायु परिवर्तन के चलते टिड्डियों का व्यवहार बदल रहा है. आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर के बाद टिड्डी नहीं आती थी, लेकिन अब कड़ाके की सर्दी में भी टिड्डी आ रही हैं. टिड्डियों के इस बदलते व्यवहार का कृषि वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे. राजधानी जयपुर में दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में जलवायु परिवर्तन से खेती के सामने आ रही चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आठ राज्यों के कृषि वैज्ञानिक जुटे हैं. शुक्रवार से शुरू हुई इन वैज्ञानिकों की ट्रेनिंग 21 दिनों तक चलेगी.

जलवायु परिवर्तन से खेती पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं

इस दौरान कृषि वैज्ञानिक टिड्डी प्रभावित इलाकों का दौरा कर अनसंधान के प्रूफ जुटाएंगे, वहीं अत्यधिक पाला पड़ने से खराब हुई फसलों का भी अध्ययन करेंगे. जलवायु परिवर्तन से खेती पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं. आने वाले दिनों में इसके नतीजे और भयावह रूप से सामने आ सकते हैं. वैज्ञानिक इन्हीं का तोड़ निकालने में जुटे हैं.

जलवायु परिवर्तन से जीव जंतुओं का व्यवहार बदल रहा है

जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति जेएस संधू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का खेती पर असर पड़ रहा है. कृषि वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटेंगे. मौसम विभाग के पूर्व डीजी डॉ. एलएस राठौड़ ने कहा कि पहली बार सर्दियों में टिड्डी आ रही है. जलवायु परिवर्तन से जीव जंतुओं का व्यवहार बदल रहा है. 

 

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स्रोत: स्काई मेट वेदर