छत्तीसगढ़ के वैज्ञानिकों ने तैयार की गेहूं की नई किस्म

May 17 2019

छत्तीसगढ़ अब उन्नत किस्म के गेहूं की पैदावार में भी अपनी पहचान बनाएगा। धान-उत्पादक के रूप में इसका पहले ही देश-विदेश में अच्छा खासा नाम है। इसे धान का कटोरा कहा जाता है। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तैयारी शुरू कर दी है।

हालांकि प्रदेश में धान की अपेक्षा गेहूं का उत्पादन क्षेत्रफल कम है, लेकिन रबी फसलों में बेहतर पैदावार प्रति वर्ष दर्ज की जा रही है। इससे कृषि वैज्ञानिक भी लगातार उन्नत किसानों को उत्तम वैरायटी की गेहूं की नई किस्म इजाद करने में लगे हैं।

इसी कड़ी में इंदिरा गांधी कृषि विवि से संबंद्धित ठाकुर बैरिस्टर कृषि कॉलेज, बिलासपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने बहुगुणी सीजी 1023 गेहूं की नई किस्म की खोज की है। यह प्रदेश की पांचवीं उन्नत किस्म का गेहूं माना जाएगा। दावा किया जा रहा है कि इसका आटा मुलायम और सरबती गेहूं से ज्यादा पौष्टिक होगा।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. अजय प्रकाश अग्रवाल की मानें तो यह नई वैरायटी गेहूं की रबी की फसल के लिए अन्य वेरायटियों से बेहतर है। 35 क्विंटल से प्रति हेक्टेयर पैदावार ली जा सकती है, जो कि अनुसंधान प्रयोगों में उत्पादित है यानी नई किस्म के अधिकांश क्वालिटी सरबती गेहूं के समकक्ष पाया गया है, जो कि मध्यप्रदेश की बेहतर किस्म मानी जाती है।

जिंक की मात्रा सबसे अधिक

बेहतर पैदावार के साथ गेहूं में जिंक की मात्रा अधिक पाई गई है। इससे कुपोषण के साथ न्यूट्रेशन बढ़ाने में मददगार होगी, जो कि अभी तक छत्तीसगढ़ की चार अन्य गेहूं की वैरायटी में नहीं पाई गई है। 

- डॉ. अजय प्रकाश अग्रवाल प्रमुख अन्वेषक, अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान परियोजना, बिलासपुर

राज्य बीज उपसमिति में तारीफ

बहुकिस्म को लेकर कृषि उत्पादन आयुक्त केडीपी राव की अध्यक्षता में राज्य बीज उपसमिति की बैठक में भी तारीफ की जा चुकी है। वर्ष 2019. 20 में इसका उत्पादन किया जाएगा। इस अनुसंधान कार्य में डॉ. अजय प्रकाश अग्रवाल, डॉ. दिनेश पांडेय, माधुरी मिंज आदि का सहयोग रहा है।

छत्तीसगढ़ के प्रमुख चार गेहूं

  • 2010 में रतन गेहूं
  • 2017 में छत्तीसगढ़ गेहूं 4
  • 2018 में छत्तीसगढ़ गेहूं 3
  • 2019 में छत्तीसगढ़ अंबर गेहूं

 

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स्रोत: नई दुनिया