गेहूं की फसल की बुआई कर चुके किसानों को खाद की आवश्यकता है। किसानों की सुविधा के लिए रविवार को अवकाश होने के बाद भी नगद में वितरण कि या गया। इस दिन शहर में टंकी चौराहा स्थित मार्केटिंग सोसायटी के साथ ही एमपी एग्रो के गोदाम से भी यूरिया उपलब्ध कराया गया। साप्ताहिक हाट होने से बड़ी संख्या में ग्रामीणों के पहुंचने से दोनों सेंटरों पर सुबह से लेकर देर शाम तक भीड़ रही। इस दिन पुरुष तो आए ही सही, वहीं चूल्हा चौका छोड़कर महिलाएं भी पहुंची।
किसानों की लगी लंबी कतार
दोनों सेंटरों पर बड़ी संख्या में कि सान पहुंचने से यहां पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। लगातार किसानों के आने से कतारें लग गई। वितरण करने वाले कर्मचारियों को सांस लेने की फु र्सत नहीं मिल पाई। ज्यादा कि सान पहुंचने से किसानों को काफी इंतजार करना पड़ा, लेकि न किसानों का रुख इन दो संस्थाओं की ओर ज्यादा दिखाई दिया, क्योंकि गत दिनों कुछ मामले ऐसे सामने आए जिसमें कुछ दुकानदार सही कीमत पर तो कुछ निधारित से ज्यादा दाम लेकर खाद बेच रहे थे। इसके बाद अफसरों ने निजी दुकानों का निरीक्षण भी कि या था जिसमें उनका रिकॉर्ड अव्यवस्थित पाया गया था। उल्लेखनीय है कि इस बार सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता के चलते गेहूं का रकबा बढ़ा है। यूरिया खाद की गेहूं में सबसे ज्यादा मांग रहती है इसलिए कि सान यूरिया जैसे भी हो लेना चाहते हैं।
15 एसजेआर 11-थोक फल सब्जी मंडी स्थित एमपी एग्रो के गोदाम पर खाद लेने वाले किसानों की लगी कतार।
15 एसजेआर 12-टंकी चौराहा स्थित मार्केटिंग सोसायटी पर पुरुषों के अलावा महिलाएं भी यूरिया लेने के लिए नंबर लगवाते हुए नजर आई।
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स्रोत: नई दुनिया