चूल्हा-चौका छोड़ महिलाएं भी पहुंची खाद लेने

December 16 2019

गेहूं की फसल की बुआई कर चुके किसानों को खाद की आवश्यकता है। किसानों की सुविधा के लिए रविवार को अवकाश होने के बाद भी नगद में वितरण कि या गया। इस दिन शहर में टंकी चौराहा स्थित मार्केटिंग सोसायटी के साथ ही एमपी एग्रो के गोदाम से भी यूरिया उपलब्ध कराया गया। साप्ताहिक हाट होने से बड़ी संख्या में ग्रामीणों के पहुंचने से दोनों सेंटरों पर सुबह से लेकर देर शाम तक भीड़ रही। इस दिन पुरुष तो आए ही सही, वहीं चूल्हा चौका छोड़कर महिलाएं भी पहुंची।

दो दिन पहले 2600 मीट्रिक टन की रैक आने के बाद से किसानों की यूरिया लेने की उम्मीद बंध गई है। दरअसल, गेहूं फसल की बुआई के बाद इसकी बढ़वार के लिए यूरिया की आवश्यकता रहती है। इस समय सबसे ज्यादा खाद की जरूरत महसूस की जा रही है, लेकि न एक सप्ताह से खाद नहीं होने से कि सान परेशान हो रहे थे। रैक आने के बाद जिले की 90 सहकारी संस्थाओं के साथ ही नगद वितरण के लिए यूरिया का आंवटन कि या गया। रविवार को शहर में साप्ताहिक हाट बाजार लगता है। इस दौरान शहर मे आसपास के करीब 100 गांवों के ग्रामीण आते हैं। उनकी आवश्यकता को देखते हुए शहर में टंकी चौराहा स्थित मार्केटिंग सोसायटी के साथ ही एमपी एग्रो के गोदाम से यूरिया का वितरण कि या गया। सुबह सवेरे ही कि सान यहां पहुंच गए। इसके बाद पावती व आधार कार्ड के आधार पर प्रति कि सान दो थैली यूरिया दिया गया। मार्केटिंग सोसायटी प्रबंधक देवीसिंह राठौड़ ने बताया कि शनिवार के बाद रविवार को भी खाद का वितरण कि या गया। वहीं एमपी एग्रो के प्रबंधक महेंद्र मंडलोई ने कहा कि आंवटित यूरिया को रविवार को वितरण प्रारंभ कर दिया है।

किसानों की लगी लंबी कतार

दोनों सेंटरों पर बड़ी संख्या में कि सान पहुंचने से यहां पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। लगातार किसानों के आने से कतारें लग गई। वितरण करने वाले कर्मचारियों को सांस लेने की फु र्सत नहीं मिल पाई। ज्यादा कि सान पहुंचने से किसानों को काफी इंतजार करना पड़ा, लेकि न किसानों का रुख इन दो संस्थाओं की ओर ज्यादा दिखाई दिया, क्योंकि गत दिनों कुछ मामले ऐसे सामने आए जिसमें कुछ दुकानदार सही कीमत पर तो कुछ निधारित से ज्यादा दाम लेकर खाद बेच रहे थे। इसके बाद अफसरों ने निजी दुकानों का निरीक्षण भी कि या था जिसमें उनका रिकॉर्ड अव्यवस्थित पाया गया था। उल्लेखनीय है कि इस बार सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता के चलते गेहूं का रकबा बढ़ा है। यूरिया खाद की गेहूं में सबसे ज्यादा मांग रहती है इसलिए कि सान यूरिया जैसे भी हो लेना चाहते हैं।

15 एसजेआर 11-थोक फल सब्जी मंडी स्थित एमपी एग्रो के गोदाम पर खाद लेने वाले किसानों की लगी कतार।

15 एसजेआर 12-टंकी चौराहा स्थित मार्केटिंग सोसायटी पर पुरुषों के अलावा महिलाएं भी यूरिया लेने के लिए नंबर लगवाते हुए नजर आई।

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: नई दुनिया