खेतों में खड़े गन्ने का होगा री-सर्वे, मिलेगी पर्ची ताकि उसे बेच सकें किसान

May 05 2020

यूपी में जहां-जहां पर अभी गन्ना मिलें चल रही हैं वहां के बेसिक कोटा से अतिरिक्त खेत में खड़े गन्ने का री-सर्वे करवाकर किसानों (Farmers) को उसकी पर्ची दी जाएंगी. ताकि उनका पूरा गन्ना मिल तक आ सके. सभी जिला गन्ना अधिकारियों को प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने इस बात के निर्देश दिए हैं. न्यूज18हिंदी ने ‘एक पर्ची ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, खेतों में खड़ा है गन्ना और बंद होने लगीं चीनी मिलें’ शीर्षक से एक खबर प्रकाशित कर प्रदेश के किसानों की यह समस्या उठाई थी. खबर पर संज्ञान लेते हुए आयुक्त ने समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए हैं.

खबर छपने के बाद अधिकारियों मुजफ्फरनगर के उन किसानों से संपर्क किया जिनका हमने जिक्र किया था कि पर्ची (sugarcane slip) न मिलने की वजह से गन्ना खेतों में खड़ा है. मुजफ्फरनगर के जिला गन्ना अधिकारी डॉ. आरडी द्विवेदी ने बताया कि आयुक्त के निर्देशानुसार गन्ने का री-सर्वे शुरू होगा. पर्ची की वजह से जिन किसानों का गन्ना अब तक नहीं लिया गया है उसे भी खरीदा जाएगा.

उधर, मंसूरपुर (मुजफ्फरनगर) के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक वीएम पाठक ने बताया कि इस चीनी मिल के क्षेत्र में उसके बेसिक कोटा का भी 25 लाख क्विंटल गन्ना अभी पेराई के लिए पड़ा हुआ है. साथ में एडिशनल बांड की भी पर्चियां जारी की जाएंगी. इस चीनी मिल की आधिकारिक पेराई सत्र समाप्ति 6 जून को होगी. लेकिन जो शेष खड़ा गन्ना है उसके लिए करीब और 15 दिन तक चीनी मिल (sugar mills) चल सकती है. बता दें कि प्रदेश में 119 में से 42 चीनी मिलें बंद कर दी गईं हैं.

किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह का कहना है कि जो शिकायतें आई हैं उनकी सुनवाई शुरू हो गई है इसके लिए हम सरकार का आभार प्रकट करते हैं. लेकिन, जिन जगहों पर चीनी मिलें बंद हो गईं हैं और गन्ना अभी खेतों में खड़ा है वहां के लिए अभी तक सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया है. अन्य किसानों की भी समस्या का समाधान होना चाहिए. जब तक एक गन्ना भी खेत में बाकी है तब तक मिलें बंद नहीं होनी चाहिए. साथ ही जल्द से जल्द 16,000 करोड़ रुपये के गन्ना बकाये का भुगतान भी करना चाहिए.


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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी