खेतों में कीटनाशक के प्रयोग ने बढ़ाया कैंसर का खतरा, वैज्ञानिक बोले- जैविक प्रक्रिया अपनाएं किसान

September 26 2019

कानपुर स्थित सीएसए में मंगलवार को पोषक फसलों पर उन्नत कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला हुई। इसमें सीआईएसएच लखनऊ के पूर्व निदेशक डॉ. आरके पाठक ने छात्रों को पोषक फसलों के बारे में जानकारी दी।

कहा कि जैविक तरीके से की गई खेती से पोषक फसलों का अधिक उत्पादन हो सकेगा। बताया कि संरक्षित विधि से सब्जियों की जैविक उत्पादन से सब्जियों में लौह तत्व 21 प्रतिशत, फास्फोरस 14 प्रतिशत और विटामिन सी के अतिरिक्त अन्य पोषक तत्व सामान्य विधि से उगाई गई सब्जियों की अपेक्षा अधिक पाई जाती है। उन्होंने बताया कि जैविक विधि से खेती करने से मृदा में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है, जो लंबे समय तक अच्छे उत्पादन के लिए कारगर साबित होती है।

कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. सुशील सोलोमन ने की। उन्होंने वैज्ञानिक तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया। सीआईएचएस के डॉ. आरएम राम ने बताया कि सब्जियों की खेती में किसान कम से कम 40 बार रसायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करता है। इसे सेवन करने वाले आम लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसमें किसानों को गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए। 

डीबीएस के छात्रों ने किया शैक्षिक भ्रमण

सीएसए के भूगोल विभाग के छात्र-छात्राएं मंगलवार को शैक्षिक भ्रमण के लिए सीएसए पहुंचे। यहां सभी ने मौसम विभाग में जाकर कई उपकरणों का अध्ययन किया। डॉ. नौशाद खान व डॉ. सीबी सिंह ने मौसम से संबंधित रेनगेज, विन्डवेन, एमीनोमीटर आदि यंत्रों के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान डॉ. रंजना श्रीवास्तव, डॉ. आरके मिश्रा, डॉ. अनीता निगम, डॉ. केसी त्रिपाठी, डॉ. दुर्गेश चौहान आदि मौजूद रहे।

 

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स्रोत: अमर उजाला