खेत में किसान के साथ हादसा होने पर उसके परिजनों और बटाइदार को मिलेगा 5 लाख रु. तक का मुआवजा

January 23 2020

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव किए हैं। इसके तहत किसी किसान की मौत खेत में काम करने के दौरान होती है तो उसके परिजनों को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा किसान या उसके परिजन के 60 फीसदी से अधिक दिव्यांग होने पर 2 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। बीमे के वारिस के रूप में किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की मीटिंग में यह फैसला लिया है।

इस योजना से जुड़ी खास बातें...

बटाइदार भी होगा मआवजे का हकदार

इसमें 18 से 70 साल तक के किसान और उसके परिवार के लोग शामिल होंगे। इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे। खास बात है कि बीमे के वारिस के रूप में किसान के परिवार के अलावा बटाइदार भी हकदार होगा।

45 दिन के अंदर करना होगा आवेदन

योजना का लाभ लेने के लिए दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता होने पर सभी प्रपत्र 45 दिन के अंदर तहसील कार्यालय में आवेदन सहित जमा करने होंगे। इसमें एक महीने तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी को होगा, लेकिन 75 दिन के बाद आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा। दावे के एक माह के भीतर ऑनलाइन भुगतान किसान के परिजन के खाते में आ जाएगा।

योजना की प्रमुख बातें

  • आंधी-तूफान और भूस्खलन में मरने या दिव्यांग होने वाले किसान के बालिग (18 से 70 वर्ष) आश्रित को भी इसका लाभ मिलेगा।
  • अगर किसान का कोई बेटा नहीं है एवं पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, तो उसकी बेटी (शादी हो चुकी हो तो भी) को इस योजना का लाभ मिलेगा।
  • यूपी सरकार डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में धनराशि डालेगी।

कौन होगा योजना के लिए पात्र? 

  • समस्त खातेदार-सह खातेदार किसान जिनकी दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती हैं।
  • ऐसे किसान जो दुर्घटनावश दिव्यांग हो जाते हैं।
  • किसान के परिवार की आय का मुख्य स्त्रोत केवल कृषि करना और कृषि से की आय से अपनी जीविका चलाना।
  • भूमिहीन किसान जो पटटे से प्राप्त जमीन पर खेती करता हैं। -योजना का लाभ दुर्घटना होने की तिथि से लगाया जायेगा। 
  • सरकार ने 18 वर्ष से 70 वर्ष के आयु के किसानों का प्रस्ताव रखा हैं। 
  • किसान उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।

 

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स्रोत: दैनिक भास्कर