खुशखबरी: डेयरी और मछली पालन के लिए इंस्टैंट क्रेडिट, एफ़पीओ को मिलेगा 5 लाख रुपए तक का लोन, जानें स्कीम

April 10 2020

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया है. इस स्थिति में तमाम लोग आर्थिक समस्याओं से जूझे रहे हैं. हालांकि, सरकार द्वारा जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाई जा रही है. इसके लिए देश के कई बैंक लोगों तक कैश भी पहुंचा रहे हैं. इस कड़ी में बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी एक अहम कदम उठाया है.

दरअसल, बैंक ऑफ बड़ौदा ने कैश की समस्या से निपटने के लिए किसान उत्पादक संगठनों (Farmers Producer Organisations - FPO) को आपातकालीन क्रेडिट लाइन देने की घोषणा की है. यानी अब किसान संगठन बिना किसी समस्या के 5 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं. खास बात है कि इस लोन को चुकाने के लिए किसान संगठन को कई तरह की छूट भी मिलेगी.

बैंक ऑफ बड़ौदा करेगा आर्थिक मदद

आपको बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा महिला स्वयं सहायता समूहों (Women self-help groups SHGs) तक 1 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद पहुंचाएगा. बैंक द्वारा जानकारी दी जा रही है कि यह घोषणा SHGs-COVID 19 योजना के तहत की गई है. इस योजना के तहत बैंक नकद क्रेडिट, ओवरड्राफ्ट या टर्म लोन की तरह SHG की सुविधाओं के तौर पर मौजूदा वक्त में मदद पहुंचाई जाएगी.

ऐसे मिलेगा किसानों को लोन

बैंक का कहना है कि एक SHG को कम से कम 30 हजार रुपए तक का लोन दिया जाएगा. एक सदस्य को ज्यादा से ज्यादा 1 लाख रुपए तक का लोन दिया जा सकता है. बता दें कि इस लोन को 24 महीनों में चुकाना होगा. ध्यान दें कि इस लोन का रीपेमेंट मासिक या फिर 3 महीने के आधार पर होगा. इसके साथ ही लोन लेने की तारीख से 6 महीने का मोरेटोरियम भी दिया जाएगा.

डेयरी और मछली पालन के लिए इंस्टैंट क्रेडिट की सुविधा  

बैंक द्वारा डेयरी और मछली पालन करने वाले किसानों को इंस्टैंट क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. यह इमरजेंसी फंड सभी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. इस तरह खेतीबाड़ी और दूसरे कार्यों को करने में मदद मिल जाएगी.

मोदी सरकार का अहम कदम

मोदी सरकार ने 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की योजना की शुरुआत कर दी है. इस योजना के तहत जो किसान सिर्फ उत्पादक थे, वह अब एफपीओ द्वारा कृषि संबंधी व्यवसाय शुरू सकते हैं.

कैसे बनेगा उत्पादक संगठन

किसानों का कम से कम 11 सदस्यओं का एक ग्रुप होना चाहिए, जिसको कंपनी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद योजना का लाभ 3 साल में दिया जाएगा. इस संगठन का पहले काम देखा जाएगा, तब नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज़ रेटिंग करेगी.

यहां मिलेगा सहयोग

अगर किसान एफपीओ बनाना चाहते हैं, तो उन्हें राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, लघु कृषक कृषि व्यापार संघ और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के कार्यालय में संपर्क करना होगा.

सदस्य किसानों को लाभ 

एफ़पीओ किसानों की सामूहिक शक्ति को बढ़ाता है. इससे किसानों को उपज का अच्छा दाम मिल जाता है. इस तरह खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीद आसानी से हो जाती है.


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स्रोत: कृषि जागरण