कृषि वैज्ञानिकों ने ईजाद की गेहूं की नई किस्म, डेढ़ गुना होगी पैदावार

February 18 2020

होशंगाबाद जिले के पवारखेड़ा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने गेहूं की कई किस्में ईजाद की है। उनका दावा है कि नई किस्म की फसल की पैदावार डेढ़ गुना यानी एक हेक्टेयर में 55 से 60 क्विंटल होगी, जो कि अभी 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। गेहूं की नई किस्मों का परीक्षण करने के बाद केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र दिल्ली ने मान्यता दे दी है। मान्यता मिलने के बाद अनुसंधान केंद्र पवारखेड़ा प्रबंधन ने नई किस्म के बीजों का वितरण पिछले साल किसानों व सहकारी समितियों को किया था, जिसके परिणाम अब गेहूं की लहलहाती फसल को देखने पर नजर आ रहे हैं।

इस साल गेहूं की यह नई किस्में की ईजाद

कृषि अनुसंधान केंद्र पवारखेड़ा ने इस साल गेहूं की जेडब्ल्यू 1201, जेडब्ल्यू 1202 और जेडब्ल्यू 1203 किस्में ईजाद की हैं। इन किस्मों पर काम पिछले कई साल से चल रहा था। गेहूं की इन नई किस्मों का परीक्षण पिछले साल केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र ने किया था। परीक्षण के बाद इन किस्मों को मान्यता मिल गई। इससे पहले भी पवारखेड़ा अनुसंधान केंद्र ने गेहूं की कई किस्में ईजाद की हैं।

नई किस्म से हुई गेहूं की ज्यादा पैदावार

इस साल कृषि अनुसंधान केंद्र पवारखेड़ा ने गेहूं की नई किस्म जेडब्ल्यू 1201, जेडब्ल्यू 1202, जेडब्ल्यू 1203 किस्म के बीज बोवनी के लिए सहकारी समितियों को दिया था। नए किस्म के बीजों से प्रति हेक्टेयर 55 से 60 क्विंटल पैदावार होती है। यह फसल 115 से 120 दिन में पककर कटती है। सौ किलो बीज प्रति हेक्टेयर बोवनी करते हैं। 2-3 सेंटीमीटर पर बीज बोया जाता है। नवंबर में 10 तारीख से 25 तारीख के बीच इसकी बोवनी कर दी जाती है।

- डॉ. विकास जैन, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, पवारखेड़ा


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स्रोत: नई दुनिया