कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, ढोलिया बेमेतरा में आयस्टर मशरूम का उत्पादन सफल रहे। बेमेतरा क्षेत्र में आयस्टर मशरूम की उत्पादन की अनुकुलता जानने हेतु पूर्व कुछ दिनों से महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. के.पी. वर्मा एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. भारती बघेल की देखरेख में प्रयास किये जा रहे थे, जिसमें सफल हुए।
शुरुआत में 3-4 पाली बैग के साथ ही प्रयोग किये गये हैं। अब इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए इसकी संख्या बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में इसका उत्पादन क्षेत्र की जलवायु के लिए अनुकुल है। चूंकि यह तकनीक बहुत ही कम लागत पर सीमित साधनों से शुरू किया जा सकता है यह कार्य बेमेतरा क्षेत्र में नवयुवाओं में उद्यमिता विकसित करने में सहायक साबित होगा। इस मशरूम को केवल गर्मी के मौसम के अलावा सालभर उत्पादन लिया जा सकता है। इस तकनीक की जानकारी इच्छुक कृषक, महिला कृषक एवं युवागण महाविद्यालय में संपर्क कर सकते है।
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स्रोत: नई दुनिया